रामदेव : जब मुस्लिम तस्वीरों में नहीं करते विश्वास तो इतना हंगामा क्यों?
एएमयू में जिन्ना की तस्वीर लगाये जाने वाले मामले में अब रामदेव भी कूद पड़े हैं। रामदेव ने कहा है कि मुस्लिम (Muslims) मूर्ति और तस्वीर में विश्वास नहीं करते तो वो इस मामले को क्यों इतना तूल दे रहे हैं। मुस्लिम समुदाय के लोग तस्वीरों और मूर्तियों को तवज्जो नहीं देते इसलिए उन्हें जिन्ना की तस्वीर के लिए भी परेशान नहीं होना चाहिए।
मुसलमान तो चित्रों और मूर्तियों में विश्वास नहीं रखते
रामदेव बिहार के नालंदा में एक योग सेशन के बाद मीडिया से मुखातिब होने के दौरान यह कह रहे थे।उन्होंने कहा, ‘अब मुसलमान तो चित्रों और मूर्तियों में विश्वास नहीं रखते। उनको तो इस बारे में चिंता ही नहीं करनी चाहिए।’ रामदेव ने मीडिया से यह भी कहा कि जिन्ना का भूत इन दिनों कुछ ज्यादा ही लाइमलाइट बटोर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के निर्माता अपने देश के लिए आदर्श हो सकते हैं लेकिन उनके लिए नहीं जो भारत की एकता और अखंडता पर यकीन रखते हैं।
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दरअसल अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर के साथ ही इसमें राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस के निलंबित नेता मणिशंकर अय्यर ने विवाद के इतर जिन्ना की तारीफ करते हुए उन्हें कायद-ए-आजम कहकर संबोधित किया था। इससे बीजेपी के नेताओं ने उनकी आलोचना करनी शुरू कर दी। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अय्यर के बयान को कांग्रेस की सच्ची भावनाएं कहा था।
यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर क्यों लगाई गई है?
इससे पहले उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी कैंपस में जिन्ना की तस्वीर की आलोचना कर चुके हैं। इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर का मुद्दा उठाते हुए AMU के वीसी तारिक मंसूर को लिखे खत में पूछा था कि यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर क्यों लगाई गई है?
इस पर विश्वविद्यालय के प्रवक्ता प्रफेसर शैफी किदवई ने कहा कि विश्वविद्यालय की बहुत पुरानी परंपरा है कि वह प्रमुख राजनीतिक, सामाजिक और शिक्षा के क्षेत्र की महान शख्सियतों को आजीवन सदस्यता देता है। जिन्ना को भी विश्वविद्यालय छात्र संघ की आजीवन सदस्यता 1938 में दी गई थी। जिन्ना विश्वविद्यालय कोर्ट के संस्थापक सदस्य थे और उन्होंने दान भी दिया था।
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