कन्हैया कुमार की पदयात्रा में शामिल हुए राहुल गांधी, जानें ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ में क्या कहा?

कन्हैया कुमार द्वारा आयोजित ‘पलायन रोको-नौकरी दो’ पदयात्रा में सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए. यह पदयात्रा बिहार के बेगूसराय में निकाली गई, जिसका उद्देश्य राज्य में युवाओं की बढ़ती बेरोजगारी और बड़े पैमाने पर हो रहे पलायन के खिलाफ आवाज उठाना है.

युवाओं की समस्याओं पर चर्चाराहुल गांधी ने युवाओं की समस्याओं पर की चर्चा

राहुल गांधी ने बिहार के युवाओं की बेरोजगारी, महंगाई और सरकारी नौकरियों की कमी जैसे प्रमुख मुद्दों पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे इस पदयात्रा में अधिक से अधिक भाग लें, जिससे सामने आने वाली समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया जा सके. राहुल सफेद टी-शर्ट पहनकर यात्रा में शामिल हुए और बेरोजगारी के खिलाफ नारे लगाए.

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पटना में ‘संविधान सम्मेलन’ में क्या कहा?पटना में 'संविधान सम्मेलन' में क्या कहा?

बेगूसराय के बाद राहुल पटना पहुंचे, जहां उन्होंने ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ में केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला. उन्होंने कहा कि आज देश में सच्चाई की लड़ाई चल रही है, लेकिन अधिकांश नेता खुलकर बोलने से डरते हैं.
एक पॉडकास्ट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “मुझसे पूछा गया कि नेहरू जी क्या थे- प्रधानमंत्री, नेता या स्वतंत्रता सेनानी? तब मैंने सोचा कि असल में मेरे परदादा क्या थे.” उन्होंने जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी, डा. आंबेडकर और सावित्री बाई फुले को सच्चाई का प्रतीक बताते हुए कहा कि देश की आत्मा इन्हीं विचारों से बनी है.

‘संविधान हजारों साल पुरानी सोच का नतीजा’‘संविधान हजारों साल पुरानी सोच का नतीजा’- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय संविधान केवल 1947 की उपज नहीं है, बल्कि यह हजारों साल पुरानी विचारधारा पर आधारित है. इसमें आंबेडकर, फुले, नेहरू और अन्य समाज सुधारकों की सोच शामिल है, जो सच्चाई, समानता और न्याय की बात करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि संविधान में सावरकर की विचारधारा की कोई जगह नहीं क्योंकि वे सच्चाई की राह पर नहीं चल सके.
राहुल ने अपने भाषण में बुद्ध, कबीर, सावित्री बाई फुले, नारायण गुरु और गुरु नानक जैसे संतों का नाम लेते हुए कहा कि ये सभी सच्चाई के मार्ग पर चलते थे. उन्होंने कहा कि संविधान इन्हीं मूल्यों की रक्षा करता है और राजनीति में सच्चाई की सबसे ज्यादा जरूरत है, न कि दिखावे और जुमलों की.

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कन्हैया कुमार की पदयात्रा में राहुल गांधी की भागीदारी से साफ है कि कांग्रेस बिहार में फिर से अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में जुटी है. बिहार जैसे राज्य में जहां युवा बड़ी संख्या में बाहर काम की तलाश में पलायन करते हैं, वहां रोजगार एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बन चुका है. कांग्रेस अब इसे अपने चुनावी एजेंडे का हिस्सा बनाकर जनता के बीच जा रही है.