लखनऊ: सनातन परंपरा में सावन का महीना हिंदुओं का सबसे पवित्र महीना माना जाता है. इस दौरान देवों के देव महादेव की पूजा का बहुत महत्व होता है. यही कारण है कि भगवान भोलेनाथ के भक्त पूरे विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस साल सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. सावन माह में सोमवार के दिन की गई पूजा सर्वोत्तम मानी जाती है. सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को होगा. हिंदू मान्यता के अनुसार, सावन के सोमवार के दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करना बहुत पुण्यदायी होता है. आइए जानते हैं सावन का पहला सोमवार कब है और इसका महत्व क्या है.
पंचांग के अनुसार इस साल सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू हो रहा है, जो 31 अगस्त तक रहेगा. चूंकि, इस बार सावन का महीना 59 दिनों तक रहेगा. जिसमें भक्तों को कुल 8 सोमवार व्रत करने के लिए मिलेंगे. जो कि बहुत ही शुभ योग माना जाता है. वहीं, 18 जुलाई से 16 अगस्त तक सावन अधिकमास रहेगा. ऐसे में सावन 2 महीने का होता है. इसमें सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को और आखिरी सोमवार 28 अगस्त को पड़ेगा.
सावन सोमवार का धार्मिक महत्व…
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस साल सावन और अधिकमास का एक साथ पड़ना शुभ माना जा रहा है. मान्यता है कि अधिक मास और सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ के साथ विष्णुजी की भी पूजा की जाती है. कहा जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति पर इन दोनों देवताओं की कृपा बरसती है.
हिंदू मान्यता के अनुसार अगर किसी की शादी में बाधा आ रही हो तो उस व्यक्ति को सावन के सभी सोमवार का व्रत करना चाहिए. ऐसा करने से विवाह में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं. इसके साथ ही अगर घर में पैसों की कमी है तो सावन के सोमवार के दिन शमी के पेड़ की जड़ को शिवलिंग पर चढ़ाएं, फिर इसे अपनी तिजोरी में रख लें. इस उपाय को करने से धन से जुड़ी परेशानियों से निजात मिलेगी.
सावन के सोमवार पर क्या रहेगा शुभ मुहूर्त…
सनातन परंपरा के अनुसार, सावन के सोमवार के दिन भगवान शिव के शिवलिंग पर जलाभिषेक करके व्रत की शुरुआत की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि इस बार सावन के पहले सोमवार का शुभ महूर्त शाम को 5 बजकर 38 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक चलेगा. माना जाता है कि शाम के दौरान भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने से जातक की सभी परेशानियों से निजात मिल जाती है.
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