19 January History: जब मोरारजी देसाई ने इंदिरा गांधी को किया था खारिज, उन्हीं को हराकर बनीं देश की पहली महिला PM

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देश-दुनिया के इतिहास में 19 जनवरी की तारीख का अहम स्थान है। लेकिन भारतीय राजनीति के हिसाब से यह ऐसी तारीख है जिसे मोरारजी देसाई भारतीय कभी भूल नहीं पाएंगे क्योंकि आज के दिन ही मोरारजी देसाई को हरा के इंद्रा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बानी थी. दरअसल, हुआ यह था कि ताशकंद समझौते की रात प्रधानमंत्री का निधन हो गया था. जिसके बाद 12 जवारी को गुलजारी नन्द को कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया. इस दौरान कांग्रेस में नए प्रधानमंत्री की तलाश शुरू हुई. और सात दिन के भीतर इंद्रा गांधी के नाम पर मोहर लगी. आइए जानते है है उस समय के हालात-

मोरारजी ने लिटिल गर्ल कहकर खारिज कर दिया था…

-मोरारजी देसाई कभी भी इंदिरा को नेहरू का उत्तराधिकारी नहीं मानते थे. देसाई ने उन्हें लिटिल गर्ल कहकर खारिज कर दिया था. लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद सवाल उठने लगा कि देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा?

-इसकी जिम्मेदारी कांग्रेस अध्यक्ष के. कामराज के पास थी। प्रधानमंत्री की तलाश शुरू हुई और दो नाम सामने आए. पहला मोरारजी देसाई और दूसरा इंदिरा गांधी। इस दौड़ में एक और नाम शामिल था के. कामराज का। उस समय पार्टी में सिंडिकेट नेताओं का बोलबाला था और उसके प्रमुख कामराज ही थे, लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री बनने से मना कर दिया था.

-इसके बाद कांग्रेस संसदीय दल का चुनाव हुआ। इसमें इंदिरा गांधी ने उस समय के मंझे हुए कांग्रेसी नेता मोरारजी देसाई को हराया था. इस दौरान इंदिरा गांधी को 355 वोट मिले थे. जबकि मोरारजी को मात्र 169 वोट मिले. यह दूसरा मौका था जब मोरारजी प्रधानमंत्री बनने से चूके थे. इससे पहले नेहरू के निधन के बाद भी वे प्रधानमंत्री पद की दौड़ में थे.

लगातार 3 कार्यकाल तक प्रधानमंत्री रहीं…

इंदिरा गांधी ने 19 जनवरी 1966 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद इंदिरा लगातार 3 कार्यकाल तक प्रधानमंत्री रहीं. 1980 में वे चौथी बार प्रधानमंत्री बनीं और 31 अक्टूबर 1984 को अपनी हत्या के दिन तक देश की प्रधानमंत्री रहीं. इंदिरा का जन्म 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद में हुआ था. उनके पिता जवाहरलाल नेहरू और माता कमला नेहरू थीं

देश-दुनिया के लिए इतिहास के पन्नो में 19 जनवरी…

1597 : मेवाड़ के राणा प्रताप सिंह का निधन.
1883 : नार्थ सी में जर्मन स्टीमर सिंब्रिया और ब्रिटिश स्टीमर सुलतान के बीच टक्कर से 340 लोगों की मौत.
1905 : हिन्दू दार्शनिक देबेन्द्रनाथ टैगोर ने अंतिम सांस ली.
1942 : जापान की सेना ने बर्मा की राजधानी रंगून से 235 मील दक्षिण पूर्व में स्थित तटीय बंदरगाह तिवोय पर कब्जा किया.
1966 : तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत के बाद इंदिरा गांधी को भारत का प्रधानमंत्री बनाया गया.
1968 : कोलंबिया और सोवियत संघ के बीच 20 वर्ष के अंतराल के बाद राजनायिक संबंध बहाल हुए.
1979 : दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पार्क चुंग ही ने उत्तर कोरिया के साथ एकीकरण और युद्ध टालने जैसे विषयों पर बातचीत की पेशकश की.
1987 : नारायण दत्त ओझा ने रात के दस बजे उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली और दो घंटे बाद ही रिटायर हो गए.
1988 : हिलने और बोलने में असमर्थ लेखक क्रिस्टोफर नोलन की आत्मकथा को विटब्रेड बुक ऑफ द ईयर चुना गया. नोलन ने अपने माथे पर ‘यूनीकोर्न स्टिक’ बांधकर कंप्यूटर पर अपने विचारों को किताब की शक्ल दी. इस दौरान उनकी मां उनके सिर को सहारा देती थीं.
1990 : आचार्य रजनीश का पुणे में निधन. उन्हें सदा एक विवादास्पद रहस्यदर्शी, गुरु और आध्यात्मिक शिक्षक के रूप में देखा गया.
1990 : दक्षिण अफ्रीका के साथ क्रिकेट खेलने पर प्रतिबंध के बावजूद इंग्लैंड से 15 क्रिकेटरों का दल जोहानिसबर्ग पहुंचा.
2006 : अल जजीरा ने करीब दो बरस बाद ओसामा बिन लादेन का आडियो टेप जारी किया, जिसमें अमेरिका पर और हमलों की तैयारी की बात कही गई थी. इससे पहले दिसंबर 2004 में लादेन का इस तरह का संदेश जारी किया गया था.

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