माराडोना : ‘दुर्भाग्यवश’ यहां ‘अकादमी’ का नामों-निशान नहीं

0

अर्जेटीना के दिग्गज फुटबाल खिलाड़ी डिएगो माराडोना जब एक महीने बाद यहां वापस आएंगे तो उनकी आंखें एक मंजर देख कर हैरान रह जाएंगी। माराडोना ने नौ साल पहले इस छोटी सी जगह पर एक फुटबाल अकादमी की नींव रखी थी और साथ ही इस अकादमी के लिए फंड जुटाने के लिए अपनी टाई भी नीलामी के लिए दी थी, लेकिन दुर्भाग्यवश इतने लंबे समय बाद भी यहां अकदामी का नामों-निशान नहीं है।

जिस जगह मैदान होना था, वहां झाडियां हैं

हैरत तब और बढ़ जाती है, जब यहां के वाशिंदे इस बात से अनजान हों की यहां अकादमी स्थापित होनी थी। दक्षिण कोलकाता से 13 किलोमीटर दूर माराडोना इंडियन फुटबाल स्कूल का निर्माण 53 एकड़ में होना था। छह दिसंबर, 2008 को माराडोना जब भारत आए थे तो उन्होंने इस अकादामी की नींव रखी थी।
2017 में जब मीडिया संवाददाता यहां पहुंचे तो पता चला की अकादमी की जगह पर गंदगी है और आस-पास लंबी-लंबी इमारतें इस जगह को घेरे हुए हैं। जिस जगह मैदान होना था, वहां झाडियां हैं।

read more :  इस ‘भगीरथ’ ने धरती पर उतार दी ‘गंगा’

फुटबाल अकादमी का कोई निशान तक नहीं है

सप्ताहांत की दोपहर को यहां घूम रहे लोगों को पता भी नहीं था कि इस जगह माराडोना की अकादमी बनाई जानी थी। यहां रहने वाले एक शख्स ने कहा, “मैं किसी अकादमी के बारे में नहीं जानता। यहां फुटबाल अकादमी का कोई निशान तक नहीं है।”एक पुराने व्यक्ति ने कहा कि दिसंबर की उस सुबह के बाद से इस क्षेत्र में कोई काम नहीं हुआ है। यह शख्स अपने परिवार के साथ माराडोना को देखने यहां आए थे। उस समय माराडोना को भरोसा था कि यहां अकादमी बनाई जाएगी। अर्जेटीना को 1986 में फुटबाल विश्व विजेता बनाने में अहम रोल निभाने वाले माराडोना ने सात दिसंबर, 2008 को कहा था, “हम यहां बच्चों के लिए एक बेहतरीन कार्यक्रम लेकर आए हैं। हम उन्हें संरचना देंगे। अगर यह कार्यक्रम वाकई गंभीर है तो मैं भारतीय फुटबाल को अगले स्तर पर ले जाने के लिए पूरी मदद करने को तैयार हूं।”उन्होंने यह बात अकादमी के लिए फंड एकत्रित करने के लिए आयोजित किए गए डिनर के दौरान कही थी।

माराडोना को लाने में अहम भूमिका निभाई

इसी दौरान माराडोना ने अपनी टाई की निलामी की थी। अब माराडोना दो अक्टबूर को यहां आ रहे हैं और वह ‘मैच फॉर यूनिटी’ खेलेंगे जिसमें भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली भी हिस्सा लेंगे। 2008 में पश्चिम बंगाल में वाम पंथी सरकार थी लेकिन 2011 से तृणमूल कांग्रेस ने सत्ता पर कब्जा जमाया हुआ है। इस क्षेत्र से मार्क्‍सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के समिक लाहिरी सांसद हैं। उन्होंने यहां माराडोना को लाने में अहम भूमिका निभाई थी। लाहिरी ने मीडिया से कहा, “शुरुआती योजना एक नई अकादमी के निर्माण की थी। शुरुआत में सोचा गया था कि इसका काम 2009 से शुरू हो जाएगा, लेकिन तब से टीएमसी ने नगरपालिका पर अपना कब्जा ले लिया और काम रुक गया।”लाहिरी का कहना है कि टीएमसी ने इस काम में अडंगा डाला।

सत्ता बदलने के बाद सब कुछ बदल गया

उन्होंने कहा, “अकादमी का मैदान 2012 तक तैयार हो जाना चाहिए था और पूरी अकादमी को 2014 में अस्तित्व में लाने की योजना थी। 23 एकड़ जमीन वाम मोर्चा ने नगरपालिका को दे दी थी। बाद में बाकी की जमीन दी जानी थी। लेकिन सत्ता बदलने के बाद सब कुछ बदल गया और कुछ भी नहीं हो सका।”यहां की नगरपालिका के चेयरमैन और टीएमसी नेता दुलाल दास को जब लाहिरी द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में बताया गया तो उन्होंने पलटवार किया।

50 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे

उन्होंने कहा, “वह माराडोना को लेकर आए थे क्योंकि वह 2009 का लोकसभा चुनाव जीतना चाहते थे। टीएमसी जब सत्ता में आई तो वह हार गए। हमने पाया कि अकादमी की जगह कुछ भी काम नहीं हुआ है और हमने कोशिश की कि हम काम शुरू करें, लेकिन अब उस जगह को हासिल करने के लिए हमें 50 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।”

23 एकड़ के लिए 3.83 करोड़ रुपये खर्च कर दिए

उन्होंने कहा, “हमने पहले ही 23 एकड़ के लिए 3.83 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं। बाकी की बची 30 एकड़ की जमीन को पाने के लिए हमें 44 करोड़ रुपये और खर्च करने होंगे। अगर पिछली सरकार उस समय काम शुरू कर देती तो यह नौबत नहीं आती।”भारतीय फुटबाल टीम के पूर्व खिलाड़ी श्याम थापा ने इसे लेकर अपनी नाराजगी जताई। श्याम ने कहा, “इसे कहते हैं दिग्गज फुटबालरों के प्रति क्षणिक प्यार। माराडोना जैसा कोई आता है तो हम पागल हो जाते हैं लेकिन वह क्या वादा करके जाता है, उसे हम भूल जाते हैं।”

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More