Lakshadweep-Maldives Controversy पर मालदीव मीडिया में क्या-क्या छप गया?

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Lakshadweep-Maldives Controversy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 जनवरी को लक्षद्वीप के दौरे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की थी. उन तस्वीरों पर काफी लोगों ने ये कहा कि अब भारतीयों को मालदीव (Maldives) नहीं बल्कि लक्षद्वीप जाना चाहिए. पीएम मोदी ने भी भारतीयों से लक्षद्वीप (Lakshadweep) घूमकर आने की बात अपने ट्वीट में कही थी.

पीएम मोदी (PM Modi) की तस्वीरों पर मुइज्जू सरकार में मंत्री मरियम शिउना ने आपत्तिजनक ट्वीट की. शिउना ने प्रधानमंत्री मोदी को इजरायल से जोड़ते हुए निशाने पर लिया था. इसके अलावा वह लक्षद्वीप (Lakshadweep) का भी मजाक उड़ाते हुए दिखीं. मालदीव (Maldives) के नेता मालशा शरीफ और महजूम माजिद भी इस मुद्दे पर भारत को घेरते हुए नजर आए.

जब मालदीव सरकार के मंत्रियों की ओर से पीएम मोदी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी आई तो इसके जवाब में भारतीयों का गुस्सा फूट गया. भारतीयों ने सोशल मीडिया पर मालदीव को लेकर जमकर भड़ास निकाली. बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार, सलमान खान, पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और अभिनेत्री श्रद्धा कपूर समेत कई हस्तियों ने भारत के समंदर में घूमने की बात कही.

मालदीव सरकार ने दी ये सफाई

मामला बढ़ता देख मालदीव सरकार को सफाई देनी पड़ी. मालदीव (Maldives) सरकार ने कहा कि “जो बातें सोशल मीडिया पर कही जा रही हैं, वो हमें पता हैं. ये निजी बयान हैं, इनका सरकार से कोई नाता नहीं. आगे किसी ने ऐसा बयान दिया तो हम कार्रवाई करने से हिचकेंगे नहीं.” इस बयान के कुछ घटों बाद ही ये बात सामने आई कि भारत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मंत्रियों को निलंबित कर दिया गया.

मालदीव में छपी कड़वाहट भी खबरें

भारत और मालदीव (Maldives) के संबंधों में कड़वाहट पर वहां की मीडिया में भी खबरें छाई हुई हैं. मालदीव के मीडिया समूह “द एडिशन” के रिपोर्ट के मुताबिक, लक्षद्वीप में पर्यटन बढ़ाने वाले भारत के पीएम मोदी के ट्वीट पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले तीनों मंत्रियों को सरकार ने निलंबित कर दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है “सरकार ने इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है. जनता की ओर से इन नेताओं पर एक्शन लिए जाने की मांग की जा रही थी. कहा जा रहा है इन लोगों के बयानों से मालदीव के पर्यटन पर असर हुआ है और देश की छवि खराब हुई है.”

मालदीव की मीडिया में भारतीयों की ओर से यात्राओं के रद्द करने के फैसले को भी जगह दी रही है क्योंकि मालदीव जाने वालों में सबसे ज्यादा तादाद भारतीयों की होती है. “द प्रेस” की रिपोर्ट में भी पीएम मोदी का अपमान करने वाले नेताओं के निलंबित किए जाने की खबर को प्रमुखता से छापा गया है. रिपोर्ट में कहा गया है “भारत की सरकार लक्षद्वीप में सफेद रेत बीच की ओर पर्यटकों को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है.”

मालदीव के मीडिया संस्थान “सन” ने भी पूर्व मंत्रियों के बयान को जगह देते हुए रिपोर्ट की है. ‘सन’ ने पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम सोहेल के बयान को जगह दी. सोहेल ने कहा था “भारत के खिलाफ मालदीव के सरकारी अधिकारियों द्वारा सोशल मीडिया पर नफरती भाषा इस्तेमाल किए जाने की मैं निंदा करता हूं. भारत मालदीव का हमेशा से अच्छा दोस्त रहा है और हमारे दोनों देशों के बीच सालों पुरानी दोस्ता पर नकारात्मक असर डालने वाले इस तरह के संवेदनहीन बयान देने की हमें इजाजजत नहीं देनी चाहिए.”

मालदीव नेताओं ने किया विरोध

मालदीव के कई और नेताओं ने भी भारत के संबंध में की गई इस टिप्पणी का विरोध किया है. पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने लिखा, “मौजूदा मालदीव सरकार के उप मंत्रियों और सत्तारुढ़ गठबंधन के राजनीतिक दल के नेता पीएम मोदी और भारतीय लोगों के खिलाफ सोशल मीडिया पर की गई अपमानजनक टिप्पणी निंदनीय और नफरत भरी है.”

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने लिखा है, “मालदीव सरकार की मंत्री मरियम एक ऐसे प्रमुख सहयोगी देश के लिए भयावह भाषा बोल रही हैं, जो मालदीव की सुरक्षा और समृद्धि के लिए अहम है. मुइज्जू सरकार को ऐसे बयानों से दूर रहना चाहिए.”

मालदीव संसद के स्पीकर मोहम्मद असलम ने लिखा, “कुछ उप-मंत्रियों की पीएम मोदी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी मालदीव के लोगों की सोच नहीं है. भारत और मालदीव सम्मान, सहयोग साझा करते हैं, जिससे दोनों को फायदा होता है. आइए इस रिश्ते को और मजबूत करते हुए आपसी संबंध को बेहतर बनाते हैं”

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मालदीव के सांसद हुसैन साहिम कहते हैं, “भारत हमेशा मालदीव का दोस्त और करीबी सहयोगी रहा है सरकार में शीर्ष पदों पर बैठे लोगों की टिप्पणी निंदनीय है.”

दो देशों के संबंधों पर पड़ेगा असर

मालदीव के एक और सांसद कासिम इब्राहिम लिखते हैं, “जैसी टिप्पणी की गई, वो न सिर्फ राजनयिक उसूलों के खिलाफ है बल्कि ये दोनों देशों के पुराने संबंधों पर भी असर डालेगा. भारत मालदीव का दोस्त रहा है. ये अहम है कि हम दोस्ती और सदियों पुराने रिश्ते को बनाए रखें. हमें ऐसे बयानों की इजाजत नहीं देनी चाहिए जो हमारे संबंधों पर असर डाले”

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