क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड, लॉ कमीशन ने सभी धार्मिक संगठनों से 30 दिन में मांगी राय

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देश में एक समान कानून लागू  करने के लिए लंबे समय से मांग उठ रही है। एक देश एक कानून की तर्ज पर समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लागू करने के लिए लॉ कमीशन ने सभी धर्मों के धर्मगुरुओं से उनकी राय मांगी है। इसके लिए लॉ कमिशन की ओर से सभी धर्मगुरुओं को 30 दिन का समय दिया गया है। जिससे साल 2024 से पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड को कानून के दायरे में लाया जा सके। यह कानून व्यक्तिगत मामलों पर सभी धर्मों के लिए समान रूप से लागू होगा। इस कानून के अंतर्गत हिंदू विवाह अधिनियम, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, भारतीय ईसाई विवाह अधिनियम, भारतीय तलाक अधिनियम, पारसी विवाह और तलाक अधिनियम शामिल हैं। इस कानून को लाने का फायदा ये होगा कि इससे न्याय प्रक्रिया धर्म की आड़ में बाधित नही होगी।

क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड 

यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) एक ऐसा कानून है, जो भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान रूप से लागू किया जाएगा। चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो, यह कानून सभी को मानना होगा। दूसरे शब्दों में कहे तो यूनिफॉर्म सिविल कोड हर धर्म, जाति, लिंग के लिए एक जैसा कानून होगा। अगर सिविल कोड लागू होता है तो इस कानून के तहत विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे विभिन्न विषयों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसे नियम लागू किए जाएंगे, जहां धर्म आड़े नही आएगा। यानी इस कानून के लागू होने के बाद न्याय प्रक्रिया में धर्म बाधा नही बनेगा।

एक देश एक कानून पर आधारित है UCC

दरसल, समान नागरिक संहिता (UCC) एक देश एक कानून की अवधारणा पर आधारित है। UCC के अंतर्गत देश के सभी धर्मों, पंथों और समुदायों के लोगों के लिए एक ही कानून की व्यवस्था का प्रस्ताव है। समान नागरिक संहिता में जिन पहलुओं पर सभी नागरिकों के लिए एकसमान कानून बनाया जाएगा। बता दें हमारे संविधान के मुताबिक भारत एक धर्म-निरपेक्ष राष्ट्र है, जिसमें सभी धर्मों व संप्रदायों (जैसे – हिंदू, मुस्लिम, सिख, बौद्ध, ईसाई, आदि) को मानने वाले नागरिकों को अपने धर्म से सम्बन्धित कानून बनाने का अधिकार है। वर्तमान में नागरिक अपने-अपने धर्म के अनुसार बनाए गए कानूनों का पालन करते हैं।

क्यों लागू होनी चाहिए UCC

यूनिफॉर्म सिविल कोड से सभी नागरिकों के लिये कानून अधिक सुलभ हो जाएंगे। लोग इसे आसानी से समझ भी पाएंगे। साथ ही समान नागरिक संहिता कानून के अनुप्रयोग में निरंतरता सुनिश्चित करेगी। क्योंकि यह सभी के लिये समान रूप से लागू होगी। इससे न्याय प्रणाली में भी सुधार आएगा। धर्म न्याय को किसी भी प्रकार से बाधित नही कर पाएगा।

क्यों नही लागू होनी चाहिए UCC

यूसीसी के खिलाफ मुख्य तर्क यह है कि यह पसंद के धर्म का पालन करने की संवैधानिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है। यह कानून यदि लागू होता है तो यह सभी धार्मिक समुदायों को उनके व्यक्तिगत कानूनों का पालन करने की अनुमति नही देगा। इसके बजाय सभी धर्मों के लोग एक ही कानून को मानने के लिए बाध्य हो जाएंगे।

UCC से प्रभावित होगा अनुच्छेद-25

देश में अगर समान नागरिक संहिता लागू होती है तो यह स्पष्ट है कि अनुच्छेद 25 इससे प्रभावित होगा। क्योंकि अनुच्छेद25 प्रत्येक धार्मिक समूह को अपने स्वयं के मामलों का प्रबंधन करने का अधिकार देता है।  मगर यूनिफॉर्म सिविल कोड कानून के आने से यह अधिकार लोगों से छिन जाएगा। लोग अपने धार्मिक व व्यक्तिगत मामलों में भी एक ही कानून मानने के लिए बाध्य होंगे।

 

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