ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट BF.7 क्या है? जानिए वैक्सीन के असर से लेकर लक्षण और बचाव के बारे में
चीन में फिर से कोरोना वायरस का कहर जारी है. ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट BF.7 ने तबाही मचाई हुई है. BF.7 वेरिएंट की वजह से रोज हजारों की संख्या में संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. हालात, इतने गंभीर हैं कि मरीजों को इलाज के लिए अस्पतालों में बेड तक नहीं मिल रहे हैं. इसी बीच BF.7 वेरिएंट ने भारत में भी दस्तक दे दी है. भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने जीनोम सिक्वेंसिंग कराने और मास्क पहनने की एडवाइजरी जारी कर दी है. साथ ही, एयरपोर्ट्स पर भी विदेश से आने वाले यात्रियों की रेंडम जांच के आदेश दिए गए हैं.
संक्रामक कोरोना वायरस रोग SARS-CoV-2 वायरस के कारण होता है. इसे कोविड-19 के रूप में भी जाना जाता है. समय के साथ अन्य सभी वायरसों की तरह SARS-CoV-2 भी खुद को बदल लेता है. मुख्यत: बदलाव की बात करें तो वायरस की विशेषताओं में न्यूनतम अथवा शून्य के बराबर बदलाव आया है. लेकिन, कुछ परिवर्तन इस प्रकार है कि ये वायरस ज्यादा तेजी से फैल सकता है. वैक्सीन का प्रभाव भी एक सवाल ही है. अब तक के वायरस वेरिएंट को WHO द्वारा वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (VOIs), वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग (VUMs) और वेरिएंट ऑफ कंसर्न (VOCs) के रूप में वर्गीकृत किया गया है.
क्या है BF.7 वेरिएंट?
जब वायरस म्यूटेट होते हैं तो वे अपने वेरिएंट और सब-वेरिएंट बनाते हैं. जैसे- SARS-CoV-2 वायरस का मुख्य तना है और उसकी अलग-अलग वेरिएंट और सब-वेरिएंट के तौर पर शाखाएं निकली हैं. इसी तरह ओमिक्रॉन के 4 सब वेरिएंट B.1.1.529, BA.1, BA.2 और BA.3 हैं. WHO ने 26 नवंबर, 2021 को एक मामले में वेरिएंट B.1.1.529 को ओमीक्रॉन नाम दिया था. ओमिक्रॉन का लेटेस्ट सब वेरिएंट है BA.5.2.1.7. जिसे शॉर्ट में BF.7 कहा जा रहा है. BF.7 भी BA.5.2.1.7 के बराबर है, जो ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट में हैं. BF.7 वेरिएंट कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में एक खास म्यूटेशन से बना है, जिसका नाम R346T है.
सेल होस्ट एंड माइक्रोब जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि BF.7 सब-वेरिएंट में ओरिजिनल D614G वेरिएंट की तुलना में 4.4 गुना ज्यादा न्यूट्रलाइजेशन रेजिस्टेंस है. इसका अर्थ यह है कि वैक्सीनेटेड लोगों के शरीर में मौजूद एंटीबॉडी 2020 में दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस की तुलना में BF.7 को नष्ट करने में बहुत कम सक्षम है. यह पहली बार नहीं है जब BF.7 का पता चला है, क्योंकि अक्टूबर में BF.7 के 5 प्रतिशत से अधिक मामले अमेरिका और 7.26 प्रतिशत मामले यूके में थे.
भारत में BF.7 के मामले…
भारत में जनवरी 2022 में कोरोना की लहर के लिए ओमिक्रॉन के BA.1 और BA.2 सब-वेरिएंट जिम्मेदार थे. हालांकि, भारत में BF.7 के बहुत कम मामले सामने आए. अब चीन में कोविड की स्थिति को लेकर वैश्विक चिंता बढ़ गई है. भारत में BF.7 के अब तक 4 मामले पाए गए हैं, जिसमें दो गुजरात और दो ओडिशा में मिले हैं. ओडिशा में 30 सितंबर को कोरोना टेस्ट में ओमिक्रॉन BF.7 का पता चला था. ओडिशा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अनुसार, परीक्षण के समय BF.7 न तो वैरिएंट का मामला था और न ही चिंता का पर्याय था.
BF.7 वेरिएंट पर वैक्सीन का असर…
वर्ष 2020 की शुरुआत से अब तक कोरोना वायरस कई बार अपने रूप बदल चुका है. रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यत: वैक्सीन ओमीक्रॉन वेरिएंट से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता का बचाव करती है. मेडिकल एक्पर्ट के अनुसार, वैक्सीनेशन अभी भी उचित है, क्योंकि यह मृत्यु को रोकता है.
एक शख्स से कितने लोगों को संक्रमण का खतरा…
BF.7 की R0 वैल्यू 10 से 18.6 है. यानी इस वेरिएंट से संक्रमित एक व्यक्ति औसतन 10 से 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है. WHO के अधिकारियों का मानना है कि ये अब तक के सभी वेरिएंट में सबसे ज्यादा है. इससे पहले डेल्टा की R0 वैल्यू 6-7 और अल्फा की R0 वैल्यू 4-5 थी.
BF.7 वेरिएंट का पहला केस और दुनिया के किन देशों में पहुंचा…
चीन के इनर मंगोलिया प्रांत में BF.7 वेरिएंट का पहला केस मिला था. ये वायरस अब तक भारत, अमेरिका, यूके, बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस, डेनमार्क समेत कई यूरोपीय देशों में फैल चुका है.
BF.7 वेरिएंट के लक्षण…
1- बुखार आना और गले में खराश
2- खांसी और कफ निकलना
3- सिरदर्द और थकान
4- दस्त और त्वचा पर दाने
5- स्वाद या गंध की कमी
6- पैर की उंगलियों का रंग बदलना और आंखों का लाल होना
7- बोलने में जोर लगना
8- भ्रम जैसी स्थित और सीने में दर्द
कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए यह इतना घातक होता है कि इससे उनकी मौत तक हो सकती है.
संक्रमण से बचाव…
इस वायरस के संक्रमण को रोकने और धीमा करने का सबसे अच्छा तरीका है कि इसके बारे में अच्छी जानकारी होना और लोगों को बताना कि ये वायरस कैसे फैलता है. इससे बचाव के लिए दूसरों से कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाकर रखें. मास्क को ठीक से पहने. अल्कोहल वाले सैनिटाइजर से अपने हाथों को बार-बार धोएं. साथ ही, खुद को और दूसरों को संक्रमण से बचाएं.
इसके अलावा, समय पर वैक्सीन की डोज लगवाएं और कोविड के दिशानिर्देशों का पालन करें. बंद जगहों के बजाय खुली अच्छी तरह हवादार जगहों को चुनें. घर के अंदर खिड़कियां खोलकर रखें.
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