क्या है Pegasus विवाद, जिस पर सरकार को घेर रहा है विपक्ष ?

Pegasus

कोरोना संकट, महंगाई और अन्य तमाम बड़े मुद्दों के बीच संसद के मॉनसून सत्र  में जिस मसले पर सबसे ज्यादा बवाल के आसार हैं, वो है फोन हैकिंग का मामला. अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा जारी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पेगासस (Pegasus) स्पाइवेयर द्वारा भारत में कई पत्रकारों, नेताओं और बिजनेसमैन के फोन को हैक किया गया है. दावा है कि ये सरकार द्वारा करवाया गया, लेकिन केंद्र सरकार ने इन आरोपों को नकार दिया है. तो आइए देखते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है…

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ये है पूरा मामला

रविवार रात एक रिपोर्ट सामने आई, जिसमें दावा किया गया कि इज़रायल सॉफ्टवेयर (Pegasus) की मदद से भारत के करीब 300 लोगों के फोन हैक किए गए हैं. इनमें पत्रकार, मंत्री, नेता, बिजनेसमैन और अन्य सार्वजनिक जीवन से जुड़े हुए लोग शामिल हैं. ये रिपोर्ट वाशिंगटन पोस्ट समेत दुनिया की करीब 16 मीडिया कंपनी द्वारा पब्लिश की गई है. रिपोर्ट की पहली कड़ी में भारत के करीब 40 पत्रकारों का नाम शामिल किया गया है. दावा है कि 2018 से 2019 के बीच अलग-अलग मौकों पर इन सभी पत्रकारों के फोन हैक किए गए या हैक करने की कोशिश की गई. इस दौरान व्हाट्सएप कॉल, फोन कॉल, रिकॉर्डिंग, लोकेशन समेत अन्य कई जानकारियां ली गई.

आरोपों पर सरकार ने दी सफाई

भारत सरकार ने फोन हैकिंग के आरोपों और इससे जुड़ी रिपोर्ट को खारिज किया, साथ ही इस रिपोर्ट को भारतीय लोकतंत्र की छवि खराब करने की कोशिश बताया गया. भारत सरकार ने अपने बयान में लिखा, ‘भारत जैसे लोकतंत्र में प्राइवेसी एक मौलिक अधिकार है. ऐसे में जो रिपोर्ट सामने आई है वह पूरी तरह से गलत है, रिपोर्ट को अपने अनुसार तैयार किया गया. सरकार ने संसद में भी इस बारे में सफाई दी है कि ऐसी किसी भी तरह की गतिविधि में भारत सरकार संलिप्त नहीं है.’

विपक्ष ने सरकार को घेरा

वहीं इस खुलासे के बाद से ही इस मसले पर विपक्ष ने सरकार को घेर लिया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा गया है. जबकि अन्य अन्य पार्टियों द्वारा इस मसले पर संसद में नोटिस दिया गया है.

क्या है पेगासस

Pegasus एक स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर है. यानी इससे किसी की जासूसी की जा सकती है. इसे इजरायल की एक कंपनी NSO Group ने तैयार किया है. ये कंपनी साइबर वेपन्स बनाने के लिए जानी जाती है. यह सॉफ्टवेयर व्हाट्सऐप समेत कई अन्य मोबाइल की जानकारियां हासिल करने के मदद करता है. साथ ही जिस मोबाइल को हैक करके जानकारियां हासिल की जाती हैं, उस मोबाइल यूजर को इसके बारे में पता भी नहीं चलता है.

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