क्या है Grey Market ? जो बिना नियम – कानून के करता है काम ….

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Grey Market : भारत में सबसे पुराना माना जाने वाला शेयर बाजार बीएसई है, लेकिन इतिहास उठाकर देखे तो ग्रे मार्केट उससे भी पुराना सट्टा बाजार के रूप में अस्तित्व में रहा है. हालांकि, आज के दौर में कुछ पारंपरिक सट्टा बाजार काफी मशहूर हो गए हैं. जैसे -राजस्थान के फालौदी का सट्टा बाजार, जहां चुनाव से लेकर स्पोर्ट्स तक हर तरह के सट्टा लगाए जाते हैं. इसके बावजूद आज भी कुछ लोग ग्रे मार्केट पर विश्वास करते है. आखिर क्यों और जानते है ग्रे मार्केट कैसे वर्क करता है.

Grey Market क्या होता है?

ग्रे मार्केट एक अनियमित, अनौपचारिक स्थान है जहां शेयरों का कारोबार होता है. भले ही वे प्रमुख एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध नहीं हैं. इस बाजार में व्यापार व्यक्तिगत है. एक्सचेंज ट्रेडों से अलग, जहां मनुष्य नहीं होता, यद्यपि ऐसे लेनदेन नियामक क्षेत्र से बाहर होते हैं. उन्हें अवैध नहीं माना जाता.

शेयर बाजार से कितना भिन्न है ग्रे बाजार ?

ग्रे मार्केट को समझने से पहले शेयर बाजार की जानकारी जरूरी है. स्टॉक एक्सचेंज या शेयर बाजार ऐसे प्लेटफॉर्म हैं जहां शेयरों की खरीद-बिक्री की जाती है. यह प्लेटफॉर्म शेयर खरीदारों और विक्रेताओं को जोड़ता है. शेयर बाजार में शेयर खरीद-बिक्री के कुछ नियम हैं. नियम ही रेगुलेशन कहलाते हैं और इसीलिए शेयर बाजार को रेगुलेटेड मार्केट कहा जाता है.

यदि बात करें ग्रे मार्केट और शेयर बाजार में अंतर का तो, दोनों का काम लगभग एक जैसा ही होता है. बस ग्रे मार्केट में रेगुलेशंस लागू नहीं किये जाते है, मतलब कि, ग्रे मार्केट यानी अनरेगुलेटेड मार्केट. आम बोलचाल की भाषा में समझे तो, एक तरह का चोर बाजार है. जहां शेयरों की अवैध तरीके से खरीद – बिक्री की जाती है, उसे ही ग्रे मार्केट कहते है. इसे संक्षेप में समझे तो, शेयरों की चोरी करने वाले क्षेत्र को ग्रे मार्केट कहा जाता है.

ग्रे मार्केट कैसे करता है काम

ग्रे मार्केट भी डिमांड-सप्लाई की मूल अर्थव्यवस्था पर काम करते हैं. उदाहरण के लिए, टाटा टेक का आईपीओ अभी आया है. टाटा टेक के शेयरों में लोगों ने बहुत दिलचस्पी दिखाई. टाटा टेक का जीएमपी (ग्रे मार्केट में) स्वाभाविक रूप से काफी ऊंचा रहा. ग्रे मार्केट आधिकारिक शेयर बाजार में कारोबार शुरू होने से पहले वैल्यू का ठीक-ठाक अंदाजा दे देता है. लगातार कई आईपीओ की लिस्टिंग में ग्रे मार्केट का अंदाजा सटीक साबित हुआ है.

ग्रे मार्केट से कंपनियों को क्या फायदा है?

कई बार कंपनियां खुद भी अपने शेयरों को ग्रे मार्केट में उतारती है. कंपनियां शेयर बाजार में उतरने से पहले अपने शेयरों की वैल्यू को डिस्कवर करने के लिए इस तरह से ग्रे मार्केट का सहारा लेती हैं.

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ग्रे मार्केट से कंपनियों के लिए क्या लाभ हैं?

अक्सर कंपनियां खुद अपने शेयरों को ग्रे मार्केट में बेच देती हैं। कंपनियां इस तरह से ग्रे मार्केट का सहारा लेती हैं ताकि वे शेयर बाजार में उतरने से पहले अपने शेयरों की वैल्यू को डिस्कवर करने के लिए इस तरह से ग्रे मार्केट का सहारा लेती है.

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