क्या है ग्लोबल वार्मिंग? इसको कम करने के लिए कैसे मददगार होते है हाथी

0

जब भी आपके ज़हन में बड़े या ताकतवर जानवर का नाम आता होगा तो आपके जुबान पर सबसे पहले हाथी का नाम आता होगा। अपने विशाल कद-काठी और शक्ति के लिए मशहूर है लेकिन इस जानवर की जनसंख्या लगातार कम होते जा रही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाथियों की कमी के कारण जंगलों में ग्लोबल वार्मिंग को कम करने की क्षमता में कमी हुई है. आइए समझते हैं कि कैसे हाथियों की कमी से ग्लोबल वार्मिंग की समस्या बढ़ रही है

हाथियों की जनसंख्या में हो रही कमी का कारण इंसानों की शिकार करने, उन्हें पालतू बनाने और उनका आवास खत्म करने जैसी गतिविधियां जिम्मेदार हैं. जिसके कारण पिछले 12 सालों के आकड़ों के अनुसार दुनियाभर में 65 फीसदी हाथी कम हो गए हैं। जिसकी वजह से अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने अफ्रीकी हाथियों की दो प्रजातियों को लाल सूची में गंभीररूप से लगभग विलुप्त के रूप में डाल दिया है।

सेंट लुईस यूनिवर्सिटीके शोधकर्ताओं और साथियों की रिपोर्ट में बताया गया है कि जंगल के हाथियों की संख्या में कमी के कटिबंधीय वर्षावनों के कार्बन भंडारण पर गंभीर असर पड़ा है. प्रोसिडिग्स ऑफ ते नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेस में प्रकाश अध्ययन के अनुसार यदि हाथी ऐसे ही कम होते रहे तो मध्य और पश्चिम अफ्रीका के वर्षावन वायुमंडलीय कार्बन पकड़कर सहेजने की 6-9 फीसद क्षमता खो देंगे जिससे ग्लोबल वार्मिंग में और इजाफा होगा.

हाथी नहीं जलवायु परिवर्तन को रोकने की वजह को गवा रहे…

शोधकर्ताओं का कहना है कि हाथियों के संरक्षण की बात करने की जगह उनकी जंगल में जैवविविधता कायम रखने की भूमिका पर जोर देने से भी काम नहीं चला है। हाथियों की कम हो रही संख्या के कारण हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि हाथियों के कम होने से हम जलवायु परिवर्तन को कम करने की एक सेवा को गवा रहे है। नीति निर्माताओं को हाथियों के महत्व को गंभीरता से लेना चाहिए और जंगल के हाथियों की वैश्विक पर्यावरण में भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

खान-पान के जरिए पुरे जंगल की संरचना बदलने में होते हैं सक्षम…

-जंगलों के हाथी कई तरह से कटिबंधीय जंगलों को बचाते हैं. उनके खाना का तरीका ऐसा है जिससे केवल वे पेड़ ज्यादा बढ़ते हैं जिनका कार्बन घनत्व ज्यादा है. कम कार्बन घनत्व वाले पेड़ तेजी से बढ़ते हैं और घने कार्बन वाले पेड़ों की वृद्धि को रोकने का काम करते हैं. जंगल के हाथी इन्हीं कम कार्बन घनत्व वाले पेड़ पौधे ज्यादा खाते हैं. इससे ज्यादा कार्बन घनत्व वाले पेड़ पौधे को पनपने का ज्यादा मौका मिलता है.

-हाथी पक्तियों को खूब खाते है जिसके वजह से वह कई बार पूरा पेड़ या पौधा तक उखाड़ देते हैं। अकड़े बताते है कि ये वो पेड़-पौधे खाते है जिसमे कार्बन घनत्व कम होता है जिससे उनकी पनफने की सम्भावना कम हो जाती है। यही वजह है की वह अपने खान पान के जरिए जंगल की संरचना बदलने में सक्षम रहते हैं। कई फलों के बीज तो ऐसे होते जो हाथियों के पेट से गुजरने के बाद गोबर के रूप में बहार निकलने के बाद अंकुरित होते है और बड़े पेड़ बनते है

Also Read: सिद्ध साधु के श्राप से उबर नहीं पाया राजस्‍थान का ये रहस्यमयी मंदिर, पत्‍थर बन जाता है रात में रुकने वाला! जानें दिलचस्‍प कहानी

रिसर्चर्स का कहना है कि हाथी जंगल के माली की तरह होते हैं वे उच्चकार्बन वाले पेड़ों को रोपते हैं और एक तरह से खरपतवार,जो कि इस मामले में कम कार्बन घनत्व वाले पेड़-पौधे होते हैं, से जंगल को मुक्ति दिलाने का काम करते हैं. वे जंगल में विविधता कायम रखने में बड़ा योगदान देते हैं. उनका कार्य वायुमंडल से कार्बन हटाने में अप्रत्यक्ष तौर पर बड़ा योगदान देते हैं. जिससे ग्लोबल वार्मिंग कम होती है. उनकी भूमिका को देखते हुए कांगो बेसिन और पश्चिमी अफ्रीका में उनके संरक्षण की जरूरत और ज्यादा बढ़ जाती है.

दिक्कत यह है कि हाथियों की हो रही गैरकानूनी हत्याएं और व्यापार अब भी सक्रिय है। एक समय में अफ्रीका पर एक करोड़ हाथी विचरण किया करते थे। जोकि अब 5 लाख से भी कम रहे गए है और उनका भी वितरण कई सीमित इलाकों में ही बिखरा हुआ है. ये विलुप्तप्रायः से गंभीर रूप से विलुप्तप्रायः प्रजातियों के हो गए हैं और इनमें से भी 80 फीसद 30 से ज्यादा साल की उम्र के हैं. ऐसा हालात में अब जरूरत इसी सूत्र की रह गई है कि हाथियों को बचा कर हम अपने ग्रह को बचा सकते हैं.

Also Read : सिर्फ इंसान ही नहीं, पक्षी भी करते हैं सुसाइड, जानें भारत की इस रहस्यमयी जगह के बारे में

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More