क्या है अनुकंपा नियुक्ति, राज्यों में इसकी नियुक्ति को लेकर क्या है नियम
राजस्थान में इस समय शहीदों के आश्रितों को सरकारी नौकरी देने का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है. राज्य में शहीदों की विधवाओं ने देवरों को अनुकंपा नौकरी देने की मांग की है. दरअसल, जिन विधवाओं के बच्चे नहीं हैं, वे इस तरह की मांग उठा रही हैं. बता दें कि अलग-अलग राज्यों में शहीदों और अन्य मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को सरकारी नौकरी देने के नियम अलग-अलग हैं. तो आइए जानते है कि क्या है अनुकंपा नियुक्ति, अलग-अलग राज्यों में इसको लेकर क्या है नियन!
क्या है अनुकंपा नियुक्ति…
यदि किसी सरकारी कर्मचारी की सेवाकाल के दौरान मौत हो जाती है तो उसके किसी एक आश्रित को नौकरी दी जाती है तो उसे अनुकंपा नियुक्ति कहते है. अनुकंपा नियुक् देने के पीछे का उद्देश्य मृतक कर्मचारी के परिवार वालों को तुरंत सहायता प्रदान करना है.
यूपी में क्या है नियम…
यूपी में भी कुछ साल पहले मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को सरकारी नौकरी देने के दिशानिर्देशों में शंसोधन कर बड़ी रहत दी थी. संसोधित गाइडलाइंस के अनुसार, अगर किसी मृतक कर्मचारी की पत्नी या पति, बेटा या गोद लिया बेटा, बेटियां, विधवा बहू, आश्रित अविवाहित भाई, अविवाहित बहन या विधवा मां को सरकारी नौकरी का प्रावधान है. अगर इनमें से कोई भी नहीं है तो आश्रित पोते या अविवाहित पोती को नौकरी दी जाएगी. इसके अलावा, अगर आश्रित के पास कंप्यूटर कॉन्सेप्ट्स क्वालिफिकेशन नहीं है तो उसे नौकरी मिलने के एक साल के अंदर इस कोर्स को करना होगा.
मध्यप्रदेश में होगा संसोधन…
मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने जल्द ही अनुकंपा नियुक्ति नियम में संसोधन करने का फैसला लिया है. जिसमे बताया जा रहा है कि विवाहित पुत्री को भी अनुकंपा नियुक्ति मिलने का प्रावधान किया जाएगा. फिलहाल अभी सेवा में रहने वाले कर्मचारियों का निधन होने पर आश्रित पति, पत्नी के अलावा बेटे या अविवाहित बेटी को अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान है. सामान्य प्रशासन विभाग ने नया प्रस्ताव तैयार कर लिया है. उम्मीद की जा रही है कि इस प्रस्ताव पर कैबिनेट में जल्द निर्णय लिया जाएगा. अब अगर बेटी विवाहित हो और सभी परिजन उसके पक्ष में फैसले ले लें तो भी उसे नियुक्ति नहीं दी जाती है. हालांकि, अगर किसी कर्मचारी की बेटी या बेटियां ही हों और वे विवाहित हों तो आश्रित पति या पत्नी की ओर से नामांकित विवाहित बेटी को अनुकंपा नियुक्ति मिल जाती है. हालांकि, उसे कर्मचारी की जीवत पत्नी या पति की जिम्मेदारी उठाने का शपथपत्र देने पड़ता है.
हरियाणा में कौन है आश्रित…
हरियाणा में शहीदों और युद्ध में घायल हुए सैनिकों के आश्रितों को नौकरी देने की योजना है. योजना के मुताबिक, शहीद का विवाहित या अविवाहित बेटा, बेटी के अलावा पत्नी और भाई को आश्रित माना गया है. दूसरे शब्दों में कहें तो इनमें से किसी को भी अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकती है. योजना में गोद लिया हुआ पुत्र व पुत्री भी शामिल हैं. हालांकि, इसमें बहन को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी देने का प्रावधान नहीं है.
बिहार में 30 साल बाद हुआ संशोधन…
बिहार में 30 साल बाद मृतक कर्मचारी के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में संशोधन किया गया है. संशोधन के बाद बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया था कि मृत सरकारी सेवक के पति, पत्नी के पेंशनर होने की स्थिति में भी उसके आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिया जाएगा. बता दें कि पहले बिहार में अगर मृतक कम्रचारी की पत्नी या पति को पेंशन का लाभ मिल रहा होता था तो आश्रित को अनुकंपा नौकरी का प्रावधान नहीं था. बिहार सरकार ने नियमों में संशोधन कर इसे हटा दिया था.
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