WATER TAXI : जल्द ही श्रीकाशी विश्वनाथ धाम तक सोलर वाटर टैक्सी से पहुंचेंगे श्रद्धालु

इसी माह इसका संचालन होने की उम्मीद, ट्रैफिक जाम से मिलेगी कुछ हद तक निजात

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Varanasi: श्रीकाशी विश्वनाथ धाम दर्शन को सुलभ बनाने के लिए सरकार की सोलर वाटर टैक्सी योजना मूर्तरूप लेने जा रही है. इससे काशी भ्रमण पर आने वाले सैलानी व श्रद्धालु अब गंगा में नौका विहार करने का लुत्फ उठा सकेंगे. 18 जनवरी तक Water Taxi कोचीन से वाराणसी पहुंच जाएगी. 22 जनवरी से इसका संचालन शुरू होने की उम्मीद है. इसके लिए विभागीय स्तरर पर काम चल रहा है.

शहर में सड़कों पर वाहनों का दबाव दिनों दिन बढता ही जा रहा है. इसके चलते ट्रैफिक कंट्रोल की तमाम कवायदें नाकाफी साबित हो रही हैं. ध्वस्त यातायात व्यवस्था की स्थिति से उबरने के लिए गंगा को माध्यम बनाया जा रहा है. इसके तहत रोज रोज लगने वाले जाम को कम करने के लिए अस्सी व रविदास घाट से काशी विश्वनाथ धाम तक वाटर टैक्सी चलाने की योजना है. अयोध्या में भी सरयू में भी वाटर टैक्सी का संचालन 22 जनवरी से शुरू होना सुनिश्चित हुआ है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अयोध्या में इसको हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. उम्मीद जताई जा रही कि उसी वक्त वाराणसी में भी इसका संचालन शुरू हो जाएगा. प्रत्येक वाटर टैक्सी में 20 से 30 लोग बैठ सकेंगे.

दो घाटों पर चार्जिंग स्टेशन

सौर उर्जा को बढ़ावा देने के लिए गंगा किनारे रविदास व नमो घाट पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. सौर ऊर्जा से संचालित होने वाली वाटर टैक्सियों को इन घाटों पर बने स्टेशन पर चार्ज किया जाएगा. आईडब्ल्यूएआई (भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण) के अधिकारियों की मानें तो कोचीन से वाटर टैक्सी रवाना हो चुकी है. पीपीपी माडल के तहत सौर ऊर्जा से संचालित वाटर टैक्सियों का संचालन किया जाएगा. काशी विश्वनाथ धाम को जलमार्ग से जोड़कर गंगा द्वार से श्रद्धालुओं के प्रवेश की योजना को धरातल पर उतारने के लिए कवायद की जा रही है. वाटर टैक्सी का काशी विश्वनाथ धाम के समानांतर गंगा के दोनों ओर संचालन किया जाएगा. इसके लिए गंगा में रूट निर्धारण के लिए जेटी के जरिये डिवाइडर बनाया जाएगा. जाने-आने के अलग-अलग मार्ग होंगे.

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वाराणसी दूसरा शहर

सोलर वाटर टैक्सी के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत संभावना तलाशी जा रही है. पीपीपी मॉडल के अलावा पर्यटन विभाग के जरिये सोलर वाटर टैक्सी के संचालन की भी योजना है। 20 से 30 सीटर सोलर वाटर टैक्सी के संचालन और किराये आदि के पहलु पर मंथन किया जा रहा है. जल्द ही कमेटी का गठन हो सकता है. जिस तरह की वाटर टैक्सी गंगा में दौड़ाने की योजना है, उसका संचालन पहले से ही मुंबई और नवी मुंबई के बीच किया जा रहा है. वाराणसी देश का दूसरा शहर होगा, जहां वाटर टैक्सी का संचालन होगा. इससे जाम से समस्या से कुछ हद तक जरूर निजात मिलने की संभावना है.

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