विश्वनाथ कॉरिडोर में ध्वस्तीकरण के खिलाफ धरना-प्रदर्शन पर उतरे स्थानीय दुकानदार

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विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण को लेकर चल रहे ध्वस्तीकरण को लेकर स्थानीय दुकानदारों ने एक बार फिर से मोर्चा खोल दिया है।

ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए स्थानीय दुकानदारों ने मोर्चा खोलते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।आरोप है कि दुकानदारों को बगैर विस्थापित किए उनकी दुकानें गिराई जा रही है। दुकानदारों ने विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की इस कार्रवाई को हिटलरशाही करार दिया।

दरअसल विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से गेट संख्या एक ढुंढिराज गणेश द्वार को बंद करने का आदेश देर रात जारी कर दिया गया, जिसके विरोध में गुरुवार को व्यापारियों ने रेड जोन परिसर सहित येलो जोन क्षेत्र की दुकानों को बंद करके प्रदर्शन किया। व्यापारियों ने मंदिर प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह का रवैया हिटलरशाही को दर्शता है।

मुख्य कार्यपालक पर वादाखिलाफी का आरोप-

व्यापार मंडल के अध्यक्ष लल्लन मिश्रा ने मंदिर प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह से कुछ दिन पूर्व वार्ता की गई थी कि रेड जोन के 36 दुकानदारों को जब तक कही स्थान्तरण नहीं किया जाएगा।

तबतक क्षेत्र में ध्वस्तीकरण का कार्य नहीं किया जायेगा। उसपर उन्होंने अपनी सहमति जताई थी। इसके बाद भी मंदिर प्रशासन अपने मनमानी रवैये पर उतर आया और गेट संख्या एक को बन्द कर दिया गया।

धरने पर अड़े दुकानदार-

वही व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष नवीन गिरी ने बताया कि विश्वनाथ धाम कॉरिडोर कार्य योजना से हमें कोई दिक्कत नहीं है। हमारी मांग है कि ढुंढिराज गणेश से सरस्वती फाटक के बीच ख़रीदे गए भवनों को ध्वस्त करने का कार्य मन्दिर प्रशासन रात्रि में करे और दिन में रास्ता सामान्य रखे।

जिससे कि व्यापारियों के जीवन यापन पर कोई प्रभाव न पड़े और रेड परिसर में पड़ने वाले देवालय अक्षयवट हनुमान मंदिर, शनिदेव मंदिर व कैलाश मंदिर में दर्शन करने में भक्तों को कोई असुविधा ना हो। इसके साथ ही उन्होंने मंदिर प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि जबतक हमारी मांग पूरी नही होगी धरना जारी रहेगा

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