मंदिर बनाने के लिए VHP ने दिए पत्थरों से भरे ट्रकों का ऑर्डर

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आरएसएस के स्थापना दिवस के मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर का मुद्दा उठाते हुए सरकार से कानून बनाने की मांग की थी। इसके बाद से ही अयोध्या की फिजा में कुछ बदला-बदला सा है।

आगंतुक और पर्यटक कारसेवकपुरम का रुख कर रहे हैं जहां उनका स्वागत स्थानीय पुजारियों और भक्तों द्वारा गाए जा रहे राम के भजनों से हो रहा है। मंदिर बनाने की हलचलें तेज हैं। कहा जा रहा है कि मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने पत्थरों से भरे ट्रकों का ऑर्डर दिया है।

उनके लिए आकर्षण का केंद्र राम मंदिर का प्रस्तावित मॉडल है। वहीं वीएचपी ने मंदिर के निर्माण कार्य की तैयारियों को आगे बढ़ा दिया है। सबकी नजरें 29 अक्टूबर से सुप्रीम कोर्ट में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर शुरू होने वाली सुनवाई पर है जिसे वह अपने पक्ष में आने की उम्मीद कर रहे हैं।

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बताया जा रहा है कि वीएचपी ने मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों से भरे ट्रकों का ऑर्डर दिया है। साथ ही कई कारीगरों से बात भी चल रही है ताकि एक बार मंदिर को कानूनी रूप से हरी झंडी मिलने के बाद तीन मंजिला भव्य मंदिर बनाने की नींव रखी जा सके। अयोध्या में वीएचपी नेताओं ने दावा किया कि पत्थरों से भरे 70 से अधिक ट्रक जल्द ही अयोध्या पहुंचने वाले हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे हैं

वीएचपी के इंटरनैशनल उपाध्यक्ष चंपत राय कहते हैं कि तेजी से काम होने के लिए अधिक पत्थर और कारीगरों की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘अब हम पीछे नहीं हटने वाले हैं। यह सच्चाई की विजय के लिए लड़ाई है। हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।’ मंगलवार को अयोध्या में पुलिस बल की भारी मुस्तैदी दिखी।

रामजन्मभूमि तक जाने वाली सड़क लोगों की आवाजाही के लिए बंद रही और स्थल के आस-पास सुरक्षाकर्मियों की तैनाती रही। हालांकि बाबरी मस्जिद के मुख्य पक्षकार इकबाल अंसारी इससे खुश नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है इसलिए सरकार को वीएचपी को आगे से आगे बढ़ने से रोकना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘जब भी चुनाव करीब होते हैं वीएचपी इस तरह की हलचल दिखाने लगती है।’साभार

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