वाराणसी विकास प्राधिकरण का क्लर्क पांच हजार घूस लेते गिरफ्तार, नामांतरण से जुडा है मामला
Varanasi: वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) में घूसखोरी का मामला सामने आया है. इस संबंध में वीडीए क्लर्क रवि कुमार को पांच हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है. दरअसल, अधिवक्ता शिव कुमार सिन्हा ने वीडीए में नामांतरण के दौरान रिश्वतखोरी का आरोप लगाते हुए इस संबंध में भष्टाचार निवारण संगठन के आफिस में शिकायत की थी. उनका कहना है कि कोर्ट के ओदश के बावजूद उनके फ्लैट का नामांतरण बिना रिश्वत दिए नहीं किया जा रहा था. मामला शास्त्री नगर आवासीय योजना का है जहां उनका फ्लैट आता है. आरोप है कि क्लर्क और अधिकारियों के गठजोड के चलते पिछले चार सालों से उन्हें इस काम के लिए बार-बार दौडाया जा रहा था.
आदेश के बाद भी पैसे की मांग
इस प्रकरण के बाबत भुक्तभोगी अधिवक्ता शिवकुमार सिन्हा ने बताया कि वीडीए में मेरे फ्लैट के नामांतरण और कोर्ट के आदेश के बाद भी हमसे पैसे की मांग की जा रही थी. इतना ही नहीं हाल यह रहा कि पैसा नहीं देने पर हमारा नाम खारिज कर दिया गया. मेरा फ्लैट शास्त्री नगर आवासीय योजना में है. इस मामले को लेकर क्लर्क ने हमसे कहा था कि बिना पैसे लिए बडे साहब लोग काम नहीं करते हैं और इस चार साल से आफिस का चक्कर लगा रहे हैं. चार साल की दौडभाग के बाद थक हार कर मैंने पैसा देने के लिए तैयार हुआ और फिर कुछ दिन पहले एंटी करप्शन आफिस में इस बाबत शिकायत की.
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दो लाख की थी डिमांड…
पीडित ने यह भी बताया कि पहले दो लाख रुपये की मांग की गई थी. इसके बाद मिन्नत करने पर 50 हजार रुपये में मामला तय हुआ. उसी 50 हजार में से आज 5000 रुपये मैंने दिया. इस बीच एंटी करप्शन की टीम धमक पडी और क्लर्क को रंगे हाथ पकड लिया गया. अधिवक्ता ने बताया कि जब वह अधिकारियों से बात करता था तो उसे क्लर्क के पास भेज दिया जाता रहा. कहा यह भी जाता था कि जब क्लर्क चाहेगा तो ही काम होगा. क्लर्क के पास जाने पर वह बोलता था कि बिना अधिकारियों को कुछ दिए काम नहीं होगा. समाचार दिए जाने तक आरोपित क्लर्क के खिलाफ कैंट थाने में लिखापढी हो रही है.