वाराणसी: गंगा का जल स्तर घटा, सूख रहे हैंडपंप व कुएं….

-तप रहे बनारस में गहराने लगा पेयजल संकट, कई इलाके प्यासे

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वाराणसी: भूजल स्तर को लेकर बनारस में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. कागजों पर हो रहे सरकारी प्रयास से पेयजल संकट बढ़ता जा रहा है. घर-घर सबमर्सिबल पंप लग जाने से नगर से लेकर देहात तक अतिदोहन हो रहा है जिससे जलस्रोतों के हालात बिगड़ रहे हैं. हैंडपंप व कुएं सूख गए हैं. तालाब में पानी नदारद है. वरुणा, असि, नाद, बसुही, गोमती की बात छोडि़ए, गंगा का जल स्तर भी बहुत कम हो चला है.

बानगी के तौर पर पर्यटन स्थल सारनाथ की बात करें तो सड़कों के किनारे लगे कई हैंडपंपों से पानी आना बंद हो गया है. कालोनियों में लोगों के घरों में लगे सबमर्सिबल पंप भी जवाब दे रहे हैं. चौखंडी स्तूप से संग्रहालय मार्ग पर दो हैंडपंप सूखे हैं. सिंहपुर, हसनपुर, छाही और पतेरवां, गांव के कुएं भी सूख गए हैं. जहां पहले 70 फीट गहराई में पानी मिल जाता था, अब 250 से 300 फीट गहराई पर भी पानी मिलने की संभावना कम रहती है. संजय नगर कालोनी के अशोक श्रीवास्तव ने बताया कि जलस्तर गिरने से पंप में पानी आना बंद हो गया है.

 प्रदूषण का दंश झेल रही है गंगा

एक वक्त था कि नगर में करीब 265 तालाब थे जो अब घटकर 65 भी नहीं रह गए. विभिन्न जल स्रोतों व वनों से आच्छादित हरी-भरी काशी विकास की अंधी दौड़ में बिन पानी होती जा रही है. हरेभरे वनों के स्थान पर कंक्रीट का जंगल हो गया है. बीएचयू, डीएलडब्लू और संपूर्णानंद विश्वविद्यालय को छोड़कर आप कहीं भी पेड़ नहीं पाएंगे. यही हाल नदियों का भी है. असि और वरुण खत्म हो रही हैं. गंगा प्रदूषण का दंश झेल रही हैं. नगर में शुद्ध पीने के पानी को लेकर लोग तरस रहे हैं. अस्सी स्थित पुष्कर तालाब, भदैनी स्थित सोनभद्र तालाब, कुरुक्षेत्र तालाब, संकुलधारा तालाब, लक्ष्मीकुंड, पिशाचमोचन कुंड, बकरिया कुंड, सूरजकुंड सहित 63 तालाब भी भीषण गर्मी में सूख जा रहे हैं.

तालाबों पर कब्जे को लेकर भी निगम है बेपरवाह

नगर निगम तालाबों पर कब्जे को लेकर भी बेपरवाह है. जिन 63 तालाबों की सूची बनाकर संरक्षित करने का दावा नगर निगम करता है उसे भी कब्जा से बचा नहीं पा रहा है. शिवपुर तालाब इसका ज्वलन्त उदाहरण है. हाईकोर्ट के आदेश पर भी उसे नवजीवन नहीं दिया जा रहा है. भूमाफिया उसे पाटकर कालोनी बसाना चाहते हैं.

ब्लाकों में 2024 का भूजल स्तर

आराजी लाइन: 11.29-17.23

पिंडरा: 12.40-16.40

हरहुआ: 11.40-15.40

काशी विद्यापीठ: 10.36-14.15

बड़ागांव: 9.22-11.44

चिरईगांव: 8.85-12.04

सेवापुरी: 8.82-12.84

चोलापुर: 6.78-9.62

(नोट : भूगर्भ जल विभाग के ये आंकड़े मीटर में हैं और भूजल के पहले स्तर को दर्शाते हैं.)

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12 जून को पूर्वांचल में गंगा का जल स्तर

फाफामऊ: 75.76 मीटर

प्रयागराज: 70.80 मीटर

मीरजापुर: 63.01 मीटर

वाराणसी: 57.74 मीटर

गाजीपुर: 51.62 मीटर

बलिया: 48.30 मीटर

 

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