वाराणसीः गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु को लगा छूने, रिहायशी इलाकों में घुसा पानी

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वाराणसीः पश्चिमी यूपी और पर्वतीय इलाकों में भारी बारिश के चलते गंगा के जलस्तर में पिछले तीन दिनों से वृद्धि हो रही है. पहले जलस्तर में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही थी, लेकिन शनिवार को काफी तेजी से पानी बढ़ने लगा. इसके चलते गंगा पिछले 24 घंटे से उफान पर हैं. अगर पानी के बढ़ाने का क्रम ऐसे ही जारी रहा तो जल्दी लोगों के घरों में गंगा और वरुणा का पानी दिखेगा. लगातार 6 बार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है परंतु इस बार गंगा का जलस्तर सबसे तेज बढ़ा है. शनिवार को 18 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर बढ़ा, जो अब तक सबसे तेज बढ़ाने की गति है. दो दिनों में देखते ही देखते जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच गई है.

जलमग्न हो चुके हैं लगभग सभी घाट

वहीं रविवार की सुबह जलस्तर चेतावनी बिंदु को छूने लगा. दशाश्वमेध, अस्सी, मणिकर्णिका, नमो घाट समेत काशी के अधिकांश घाट जलमग्न हो चुके हैं. वहीं पानी धीरे-धीरे मोहल्लों की ओर रूख कर रहा है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार रविवार की सुबह गंगा का जलस्तर 70.13 मीटर रिकार्ड किया गया. वहीं चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर है. अभी भी जलस्तर में 4 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पानी बढ़ रहा है.

ऐसे में जल्द ही जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार कर सकता है. गंगा का जलस्तर बनने के साथ ही लोगों की दुश्वारियां भी बढ़ती जा रही है. यह बढ़ाव पहली बार नहीं है. लगातार 6 बार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. गंगा का जलस्तर घटने के साथ ही लोग घाटों पर जमा सिल्ट को हटाने का कार्य प्रारंभ कर देते हैं, परंतु गंगा का जलस्तर जब बढ़ता है तो पूरे घाटों पर सिल्ट जमा हो जाता है. इस बार सबसे तेज और सबसे ज्यादा गंगा का पानी बढ़ा है और अभी भी गंगा में बढ़ाव जारी है.

वरुणा और गंगा के किनारे घाट और स्थापित मंदिर डुबे

गंगा का जलस्तर बढ़ने के चलते घाट और इसके किनारे के मंदिर डूब गए हैं. वहीं तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. गंगा और वरुणा के किनारे स्थापित सभी घाट डूब चुके हैं और गंगा और वरुणा का पानी रिहायशी इलाकों में घुसने लगा है. बता दे कि गंगा किनारे कुल 84 घाट है जो जलमग्र हो चुके हैं. सभी सीढ़ियां डूब चुकी है. जैसे-जैसे गंगा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है लोग अपनी चौकियां और दुकान हटने लगे हैं. गंगा का रूख देख लोग काफी चिंतित नजर आ रहे हैं.

एनडीआरएफ जल पुलिस की टीम कर रही निगरानी

गंगा और वरुणा का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है. गंगा के जलस्तर में वृद्धि के चलते वरूणा नदी में भी पलट प्रवाह हो रहा है. गंगा में भी पलट प्रवाह शुरू है. इसके चलते वरूणा नदी के किनारे के इलाके भी जलमग्न हो गए हैं.नदी किनारे स्थित मोहल्लों की तरफ पानी बढ़ रहा है. ऐसे में तटवर्ती इलाके के लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं. लोग सुरक्षित स्थान तलाश रहे हैं.

वैसे जिला प्रशासन ने बाढ़ की चुनौती से निबटने के लिए पहले ही इंतजाम किए हैं. बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं. अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम को अलर्ट कर दिया गया है. केंद्रीय जल आयोग, जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम जलस्तर की निगरानी कर रही है. लोगों से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है.

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गलियों और छतों पर किया जा रहा है शवदाह

गंगा का जलस्तर बनने के साथ हुई लोगों की समस्याएं भी बढ़ती जा रही है. गंगा का जल स्तर बनने के साथ है, हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका घाट पर ऊंचे स्थानों पर शुरू है.हरिशचंद्र घाट पर शवदाह गलियों में हो रहा है तो मणिकर्णिका घाट के छत पर शवदाह कराया जा रहा है. जलस्तर बढ़ने पर लोगों को आने-जाने में भी समस्याएं होने लगी है क्योंकि गलियों में शवदाह कराया जा रहा है। जिसके कारण आसपास के रहने वाले लोगों को आने-जाने में समस्याएं हो रही हैं.

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