वाराणसीः लक्जरी वाहनों से घूमकर काटते थे बिजली के तार, पांच शातिर चोर गिरफ्तार
बिजली विभाग का लाइनमैन भी गिरोह में शामिल, पांच और चोरों की तलाश
बिजली विभाग के लाइनमैन के साथ मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी बिजली के खम्भों से तार काटकर चोरी करनेवाले तारकट गिरोह के पांच चोरों को राजातालाब पुलिस ने गुरूवार को रिंग रोड अंडरपास से गिरफ्तार किया है. पुलिस इनके और पांच साथियों की सरगर्मी से तलाश कर रही है. यह शातिर चोर स्कार्पियो और जाइलो कार लेकर चोरी को अंजाम देते थे. पुलिस ने इनके पास से बिजली के चार बड़े बंडल और दो बोरों में रखे तारों को बरामद किया है. चोरी के इन तारों का वजन 2 कुंतल 17 किलो है और इसकी अनुमानित कीमत लगभग 60,000/ (साठ हजार) रुपये बताई गई है. पुलिस ने इन चोरों के पास से एक स्कार्पियो, जाइलो कार और लोडर आटो बरामद किया है. खम्भे पर चढ़कर तार काटने का काम चोलापुर थाना क्षेत्र के मोहांव का रहनेवाला लाइनमैन बाबा करता था. वह फरार है.
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पुलिस उपायुक्त गोमती जोन ने गिरफ्तार पांच आरोपितों को मीडिया के सामने पेश कर इनकी करतूत का खुलासा किया. बताया कि पकड़े गये पांच चोरों में जंसा थाना क्षेत्र के बेसहूपुर के जयचन्द मौर्या, श्रीकान्त उर्फ मन्ना मौर्या, खरगूपुर के सत्येन्द्र पटेल, पिंकू पटेल और मनियारीपुर के प्रियांशू वर्मा हैं. इसके अलावा इस मामले के आरोपित हाथी बरनी के दिलीप गुप्ता, सत्तनपुर के कबाड़ी विपिन गुप्ता, मनियारीपुर के तुषार पटेल, तेंदुई के प्रदीप पटेल और चोलापुर थाना क्षेत्र के मोहांव के निवासी बिजली विभाग के लाइनमैन बाबा की तलाश की जा रही है.
लाइनमैन देता था कृषि फीडर की जानकारी
पकड़े गये शातिर चोरों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वे लाइनमैन बाबा की सहायता से कृषि फीडर लाइन के बारे में जानकारी कर लेते थे. इसके बाद रात में बिजली के पोल पर चढकर तार काटकर हाथी बरनी के कबाड़ी दिलीप गुप्ता और सत्तनपुर के विपिन गुप्ता को बेच देते थे. अभी 30 जून और छह मई की रात उन्होंने शाहंशाहपुर ताल के पास से बिजली के तार काटकर ले गये थे. हमलोगों के पास से बरामद तार शहंशाहपुर ताल और पेड़ुका गांव से चुराये थे. इन दो स्थानों से बिजली तार चोरी का मुकदमा स्थानीय थाने में दर्ज है. इसके अलावा मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के करधना क्षेत्र से करीब नौ माह पहले कृषि फीडर से तार की चोरी किये थे. जंसा क्षेत्र के नवलपुरा में भी आठ महीने पहले और पेडुका में दस दिन पहले चोरी की थी. पुलिस ने पूछताछ के बाद आरोपितों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया.
दिन में दिखाते थे रईसी और रात में करते रहे चोरी
सूत्रों के अनुसार यह तारकटी गिरोह लम्बे समय से ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय है. पता चला कि इन्होंने कई और स्थानों पर चोरियां की हैं. इससे उनको मोटी कमाई होती थी. चोरी का माल बिकने के बाद उससे मिले रूपये सब आपस में बांट लेते थे. गिरोह रात में लक्जरी वाहनों से घूमकर चोरियां करता और दिन में होटल, रेस्टोरेंट और शहर के प्रमुख स्थानों पर मौज-मस्ती करते थे. लोग इनके हावभाव से इन्हे रईसजादा समझ लेते थे. लेकिन अब जब इनकी पोल खुली तो गांववाले तक इन्हें हिकारत की नजर से देखने लगे.