वाराणसी: दो थार समेत चार वाहनों के साथ तीन अंतरराज्यीय चोर गिरफ्तार

आसनसोल का रहनेवाला है गिरोह का सरगना कमाल आसिफ

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वाराणसी जिले के रोहनिया थाने की पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने शनिवार को अन्तरराज्यीय वाहन चोरों के गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके पास से 4 चार पहिया वाहन, 6 ईसीएम, 6 अदद इग्नीशन सेट मय चाभी, 8 लाक बीसीएम, 2 वाई फाई राउटर, कटर, फास्टटैग, स्टील प्लेट व चेचिस नम्बर बनाने का फर्मा बरामद किया है. पुलिस ने चोरी, धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में इन्हें कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया.

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पुलिस अफसरों ने तीनों वाहन चोरों को मीडिया के सामने पेश कर इनके करतूतों का खुलासा किया. एसीपी रोहनिया ने बताया कि मुखबिर की सूचना और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए इनकी तलाश की जा रही थी. सटीक सूचना मिलने पर पुलिस टीम ने दो चोरों को अखरी बाईपास चौराहा और लठिया बाईपास के बीच राधास्वामी सत्संग व्यास के पास से गिरफ्तार किया.

ट्रांजिट रिमाण्ड पर लाया गया कमाल

जबकि सबसे शातिर एक चोर कमाल आसिफ को पश्चिम बंगाल के नार्थ आसनसोल से पांच जून को गिरफ्तार किया गया. उसे ट्रांजिट रिमाण्ड पर लाया गया है. यह सबसे शातिर और गिरोह का मास्टरमाइंड है. चोरी के वाहनों के चेचिस और इंजन नम्बर बदलने में इसे महारात हासिल है. अधिकारियों ने बताया कि कमाल आसिफ आसनसोल में दो पते पर रहता था. इसके अलावा राकेश यादव प्रतापगढ़ जिले के कांपा थाना क्षेत्र के रामपुर गांव का और अनिल यादव इसी जिले के माधोगंज क्षेत्र के गोडे चवल गांव का निवासी है. कमाल आसिफ ने बताया कि वह महिंद्रा थार वाहन चोरी में शामिल रहा. उसके दोस्त अनिल यादव और राकेश कुमार यादव दो माह पहले थार गाड़ी उत्तर प्रदेश से चुराकर उसके यहां आसनसोल लेकर आये थे. इसके बाद तीनों ने चेचिस और इंजन नम्बर मिटाकर दूसरा नम्बर मशीन से मार्क कर दिया. ताकि कोई भी इस गाड़ी के असली नम्बर को जान न सके. इसके अलावा गाड़ी के चारो पहिये, स्टेपनी व स्टेयरिंग को भी बदल दिया. यह गाड़ी मैनुअल थी, लेकिन इसका इंजन और कुछ पार्ट्स बदल कर हमने इसे आटोमेटिक कर दिया. मैने इस गाड़ी के बदले अनिल व राकेश को दो लाख रुपये दिये थे. करीब 56 वर्षीय कमाल आसिफ ने पुलिस को बताया कि अनिल व राकेश उत्तर प्रदेश से कई गाड़िया चुरा कर उसके पास लाये. इसके बाद उन वाहनों को मैं खरीद लेता था. फिर चेचिस और इंजन नम्बर बदल कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर खरीद लेता था. इसके बाद चोरी की गाड़ियों को अलग-अलग शहरों व राज्यों में बेच देता था. थार गाड़ी को अभी अपने प्रयोग के लिए रखा था.

रोहनिया, हरहुआ और प्रयागराज से उड़ाये थे वाहन

राकेश कुमार यादव व अनिल यादव ने बताया कि हमलोग धनबाद झारखंड में सपरिवार किराये के फ्लैट में रहते हैं. वहीं पर आसनसोल के रहने वाले कमाल आसिफ से हमारी दोस्ती हो गयी. हम लोग बलेनो और स्विफ्ट डिजायर कार से अलग-अलग स्थानां पर जाते थे. फिर ईसीएम, बीसीएम, लाक सेट की सहायता से चार पहिया गाडियों के लॉक खोलकर चोरी कर आसनसोल में अपने दोस्त कमाल आसिफ के पास ले जाते रहे. चेचिस और इंजन नम्बर के अलावा अन्य पुर्जों को बदलकर बेंच दिया जाता था. उनसे मिले पैसों को हम लोग आपस में बांट लेते हैं. दो माह पहले हमलोग बलेनो गाड़ी से लठिया बाईपास के पास आये और यहां से थार गाडी चुराकर प्रतापगढ़ ले गये. उसका नम्बर प्लेट निकाल कर फेंक दिया और फिर उसे आसनसोल लेकर चले गये. कमाल आसिफ को थार गाड़ी देकर उससे दो लाख रूपये एडवांस लेकर चले आये थे. गाडी बिकने के बाद हम लोगों का हिसाब होना था. इन्होंने यह भी बताया कि एक सप्ताह पहले प्रयागराज से एक थार गाडी को चोरी कर कमाल आसिफ को दिया था. अभी उसका पैसा नही मिला है. डेढ महीने पहले हरहुआ के पास से भी थार गाडी चुराया गया था. उसके ढाई लाख रूपये कमाल से हमलोगों को मिल गये हैं.

 

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