वाराणसीः रोपवे की होगी टेस्टिंग, जुलाई में आएंगे स्विटजरलैंड के इंजीनियर

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काशी में जल्द ही रोपवे के संचालन के लिये जरूरी तैयारी पूरी कर ली जाएगी. जानकारी के अनुसार जुलाई में स्विटजरलैंड के इंजीनियरों की टीम काशी आएगी. रोपवे के ट्रायल रन से पहले टेस्टिंग होगी. रोपवे के ट्रायल रन के सफल हो जाने के बाद यात्री भी इसकी सवारी कर सकेंगे. सूत्रों के अनुसार देव दीपावली के अवसर पर देश के सबसे बड़े अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे का उद्घाटन होना है.

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रोप वे ट्रांसपोर्ट का 80 फीसदी काम पूरा

कैंट से गोदौलिया तक प्रस्तावित इस रोप वे ट्रांसपोर्ट के पहले चरण का 80 फीसदी काम लगभग पूरा हो गया है. 3.75 किलोमीटर लम्बे इस रोप वे से काशी विश्वनाथ धाम तक का सफर आसान हो जाएगा. सितंबर में रोपवे का ट्रायल रन कराया जाना है. इससे पहले रोपवे की टेस्टिंग स्विटजरलैंड के इंजीनियरों की देखरेख में होगी. निर्माण एजेंसी नेशनल हाईवे लाजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों ने निगरानी शुरू कर दी है.

कैंट से गोदौलिया तक लगाए जाएंगे 28 टॉवर

रोप वे ट्रांसपोर्ट के पहले चरण में कैंट से रथयात्रा के बीच कुल 18 टावर लगाए जा रहे हैं. जबकि, दूसरे चरण में गिरजाघर से गोदौलिया के बीच 10 और टावर लगाए जाएंगे. इस तरह करीब 4 किलोमीटर के सफर के लिए कुल 28 टॉवर लगेंगे. रोजाना कैन्ट से गौदोलिया के रास्ते में घंटो जाम लगा रहता है. हालांकि रोपवे का निर्माण हो जाने के बाद सड़क से पर्यटकों का लोड कम हो जाएगा. इससे यात्री कम समय में यात्रा कर सकेंगे. अधिकारियों के मुताबिक रोपवे का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है. रोपवे का पहला स्टेशन कैंट और अंतिम स्टेशन गोदौलिया होगा.

इंस्टॉल हो चुके हैं 2 टावर

नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के अधिकारियों के मुताबिक काशी विद्यापीठ में टावर इंस्टालेशन के बाद सभी उपकरण लगा दिए गए हैं. वाराणसी जंक्शन कैंट रेलवे स्टेशन से रथयात्रा तक दो टावर इंस्टॉल हो चुके है. विद्यापीठ तक भी 75 फीसदी काम पूरा हो चुका है. वहीं रथयात्रा पर करीब 65 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. 16 टावरों पर तेजी से काम चल रहा है. गिरिजाघर पर जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा. इसके मद्देनजर कुछ दिनों पहले यहां से अतिक्रमण हटवाने काम किया गया था.

पहले चरण में कैंट से रथयात्रा तक शुरु होगा रोपवे


जानकारी के अनुसार रोपवे का ट्रायल रन सितंबर से होगा. 15 नवंबर यानि देव दीपावली के दिन पहले चरण के अंतर्गत, कैंट रेलवे स्टेशन से रथयात्रा तक रोपवे सेवा की शुरुआत की जाएगी. बता दें कि बोलिविया देश के लापाज, मैक्सिको के बाद दुनिया का तीसरा और भारत का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे चालू करने की तैयारी चल रही है. इसके निर्माण के लिए स्विट्जरलैंड से आए उपकरणों को इंस्टाल किया जा रहा है. 807 करोड़ रुपये की लागत से वाराणसी में रोपवे का निर्माण हो रहा है.

एक घंटे में 3,000 लोग कर सकेंगे सफर

जानकारी के अनुसार एक तरफ, 3,000 लोग प्रत्येक घंटे रोपवे का सफर कर सकेंगे. यानी दोनों दिशाओं में एक घंटे में छह हजार यात्रियों का आवागमन होगा. हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को ट्राली उपलब्ध रहेगी. गोदौलिया और कैंट रेलवे स्टेशन के बीच का सफर तकरीबन 16 मिनट होने का अनुमान है. 45 से 50 मीटर की अनुमानित ऊंचाई से करीब 150 ट्रॉली कार चलेंगी. बता दें कि 1 ट्रॉली में 10 यात्री सवार हो सकते है. रोपवे का संचालन 16 घंटे होगा. वहीं हर दिन 96,000 लोग इसमें सफर कर सकेंगे.

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