Varanasi: निबंधन कार्य रामनगर भेजने से जनता और वकीलों को होगी परेशानी

कांग्रेस पार्टी विधि विभाग का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा एडीएम सिटी के कार्यालय

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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वाराणसी जनपद के 22 मुहल्ले की रजिस्ट्री वाराणसी सदर स्थिति निबंधन कार्यालय से रामनगर निबंधन कार्यालय स्थांतरित कर दिए जाने से अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश है. इसके खिलाफ नगर के अधिवक्ता पांच दिनों से आंदोलित हैं. उनका कहना है कि निबंधन कार्य स्थांतरित होने से आम जन को असुविधा हो रही है. अधिवक्ताओं को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

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इस मामले को लेकर सोमवार को कांग्रेस पार्टी विधि विभाग का प्रतिनिधिमंडल एडीएम सीटी से मिला और उन्हें राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में रामनगर भेजी गई 22 मुहल्ले की रजिस्ट्री को वापस लेने की मांग की गई है. कहा गया है कि यदि वापसी नही होती तो कांग्रेस पार्टी विधि विभाग के पदाधिकारी राज्यपाल आवास के सामने धरना-प्रदर्शन करेंगे। एडीएम सिटी ने आश्वासन दिया कि उनकी भावनाओं को राज्यपाल को भेज दिया जाएगा.

ज्ञापन देनेवालों में यह रहे शामिल

ज्ञापन सौंपने वालों में कांग्रेस पार्टी विधि विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह, जिला अध्यक्ष लोकेश कुमार सिंह, महानगर अध्यक्ष मोहसिन खान, प्रदेश महासचिव विरेन्द्र कुमार पंडित, रमेश चक्रधर, राघवेन्द्र कुमार सिंह, उमेश सिंह, आशीष पाठक, एस एन सिंह, सुशील सिंह, राजीव राम, राजू, शिवानंद राय, अशोक कुमार, रितेश बहादुर सिंह, कृष्णानंद सिंह आदि अधिवक्ता रहे.

बनारस कचहरी के अधिवक्ता लगातार कर रहे विरोध

गौरतलब है कि वाराणसी नगर निगम के 22 मुहल्लों की रजिस्ट्री और राजस्व क्षेत्र को रामनगर रजिस्ट्रार कार्यालय में स्थानांतरित करने के विरोध में अधिवक्ता आंदोलित हैं. सेंट्रल बार और बनारस बार के अधिवक्ताओं ने पिछले दिनों धरना-प्रदर्शन किया था. शासन के फैसले का विरोध कर रहे वकील इसे अव्यवहारिक बता रहे हैं. दी सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मुरली सिंह ने कहाकि 27 फरवरी को शासनादेश प्राप्त हुआ है. इसमें लिखा गया है कि मुद्रण की तिथि से भेलूपुर वार्ड एवं नगवां वार्ड के मोहल्ले का रजिस्ट्री रामनगर में किया जाएगा. वहां की रजिस्ट्री अभी तक शुरू से वाराणसी न्यायालय में होती थी. रामनगर की रजिस्ट्री रामनगर के राजा को स्वतंत्रता मिलने के बाद वहां के लोगों के लिए बनाई गई थी. इस तरह का आदेश और फरमान जनता एवं अधिवक्ताओं के लिए परेशानी का कारण है. अधिवक्ता यहीं दस्तावेज तैयार करता है और रजिस्ट्री की कार्रवाई करता है. इसलिए पहले से हो रही रजिस्ट्री को फिर से शुरू कराया जाय.

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