वाराणसी: छठ की तैयारियां जोरों पर, कल से शुरू होगा महापर्व
वाराणसी: बिहार के महापर्व छठ को लेकर अभी से तैयारियां शुरू हो गई है. पूरे देश के साथ कई राज्यों में कल से नहाय खाय के साथ महापर्व की शुरुआत होगी. इसी बीच काशी मिनी बिहार के रूप में तब्दील हो जाती है. अब बिहार के साथ-साथ आसपास के जिलों में छठ पूजा काफी धूमधाम के साथ बनाने लगे हैं. सूर्य उपासना के महापर्व छठ की तैयारियां जोरों पर है.यह महापर्व बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों में मनाया जाता है.
नहाय – खाय से शुरू होगा पर्व…
बता दें कि 4 दिन के इस कठिन व्रत की शुरुआत नहाय खाए से होती है.इस पर्व में सूर्य की पूजा के साथ छठी मैया की भी पूरे विधि विधान से पूजा होती है.इस बार कब से कब तक छठ का महापर्व मनाया जाएगा. जब जर्नलिस्ट कैफे की टीम ने काशी के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के ज्योतिष डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ विनय पांडेय से छठ पूजा को लेकर खास बातचीत की …
चावल और गुड़ का खीर खाकर व्रत की शुरुआत
प्रोफेसर डॉ विनय पांडेय ने बताया कि इस बार छठ के पर्व की शुरुआत 5 नवम्बर से हो रही है.पहले दिन नहाय खाए से होता हैं .इस दिन पूजा और व्रत से पहले तन और मन का शुद्धिकरण किया जाता है.इसके बाद इसके अगले दिन 6 नवम्बर को खरना है.खरना में शाम के समय चावल और गुड़ का खीर खाकर इस कठिन व्रत की शुरुआत होती है.इसके बाद कार्तिक कृष्ण पक्ष के छठी तिथि यानी 7 नवम्बर को पूरे दिन व्रत के बाद इस दिन शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.इसके अलगे दिन सप्तमी तिथि (8 नवम्बर) को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर इस व्रत का समापन होगा.
ALSO READ : आगरा में फाइटर प्लेन क्रैश, पायलट सुरक्षित …
ALSO READ : छठ का महापर्व कल से, नहाय – खाय से लेकर जानिए अर्घ्य की तिथियां ?
बताते चलें कि अर्घ्य के दौरान व्रती महिलाओं को कुछ खास नियमों का पालन करना होता है. डॉ विनय पांडेय ने बताया कि इस व्रत के प्रभाव से घर में सुख शांति समृद्धि के साथ आरोग्यता की प्राप्ति होती है.इसके अलावा संतान के उन्नति और सलामती के लिए भी महिलाएं इस कठिन व्रत को रखती है.ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.यही वजह है कि महिलाएं इस व्रत को रखती है. समस्त काशी में चारों तरफ छठ पूजा की धूम मची जाती है.