VARANASI : ASI की सर्वे रिपोर्ट सौंपने भारत सरकार के स्थायी अधिवक्ता पहुंचे
भारी फोर्स तैनात, अमित श्रीवास्तव संग एएसआई की टीम भी मौजूद
पांच महीने के लंबे इंतजार के बाद बहुप्रतिक्षित एएसआइ की सर्वे रिपोर्ट सोमवार को जिला जज की अदालत में पेश करने भारत सरकार के स्थायी अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव एएसआई की टीम संग पहुंच चुके हैं.
84 दिनों तक चली सर्वे की कार्यवाही
बता दें कि 21 जुलाई को सर्वे के लिए सर्वप्रथम जिला जज की अदालत ने एएसआई को आदेशित किया था जिस पर हाइकोर्ट ने रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एएसआई ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे प्रारम्भ किया. सर्वे करने की अदालत द्वारा तय की गयी समय सीमा चार अगस्त को जब समाप्त हो गयी तो भारत सरकार के स्थाई अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव इसकी समय सीमा आठ सप्ताह के लिये बढाने की मोहलत मांगी. अदालत ने चार सप्ताह के लिए समय बढा दिया दो सितबर को अमित श्रीवास्तव ने पुन:समय सीमा बढाने की फरियाद की. इसपर चार सितम्बर को मुस्लिम पक्षकार ने आपत्ति की . छह सितम्बर को दोनों पक्षों को सुनकर अदालत ने एक बार फिरआठ सितम्बर को आदेश पारित किया समय सीमा एक बार फिर बढा दी गयी. छह अक्टूबर को समय सीमा खत्म हो रही थी तो एएसआई के अधिवक्ता ने 4 अक्टूबर को ही समय सीमा बढाने की दरख्वास्त लगाई. इसी क्रम में 5 अक्टूबर को समय सीमा अंतिम बार चार सप्ताह के लिये बढाई गयी. इस प्रकार कुल 12 सप्ताह यानि 84दिन सर्वे की कार्यवाही चली.
35 दिनों का समय रिपोर्ट तैयार करने में लगा
इसी वर्ष 2 नवम्बर को एएसआई के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि मौके पर सर्वे समाप्त हो गया है लेकिन रिपोर्ट तैयार करने के लिये उन्हें 15 दिन का समय चाहिये. 17 नवम्बर को रिपोर्ट दाखिल नहीं की गयी बल्कि समय मांगा गया. अदालत ने दस दिन का समय फिर बढा दिया. इस प्रकार रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 30 नवम्बर को कोर्ट ने दस दिन का समय सीमा बढा दी. इस प्रकार कुल 35 दिन का समय रिपोर्ट तैयार करने के लिये एएसआई ने लिया.
एएसआई के अधिवक्ता कोर्ट मे पेश करेंगे रिपोर्ट
दस दिसम्बर को समय सीमा समाप्त हो गयी. रिपोर्ट तैयार थी मगर एएसआइ के वरिष्ठ अधिकारी के बीमार हो जाने के कारण रिपोर्ट दाखिल नहीं की जा सकी लिहाजा कोर्ट से इसी आधार पर भारत सरकार के स्थायी अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने अदालत से फिर समय की मांग की. कोर्ट ने सोमवार 18 दिसम्बर को रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था जिसकी रिपोर्ट वह पेश करने अदालत में पहुंचे हैं.
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रिपोर्ट करेगी दूध का दूध-पानी का पानी
घटनाक्रम और अदालती आदेश पर नजर रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता नित्यानन्द राय का कहना है कि इस रिपोर्ट से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
व्यापक और सैकड़ों पन्नों की होगी रिपोर्ट
कहा गया कि जिस प्रकार वैज्ञानिक तरीके से सर्वे किया गया है और इतनी बड़ी टीम ने महीनों मेहनत की है उससे स्पष्ट है कि रिपोर्ट व्यापक और सैकड़ों पन्नों तक हो सकती है.