वाराणसी में चिकित्सकीय सेवाओं का लगातार सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है. जहां जनपद स्तरीय चिकित्सालय में चिकित्सा सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है, वहीं राजकीय चिकित्सालयों व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में गंभीर बीमारियों के इलाज की व्यवस्था की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग एवं आईसीएमआर के संयुक्त तत्वाधान में योजनाबद्ध तरीके से हार्ट अटैक से होने वाली मौत से निपटने की तैयारी की गई है.
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बुजुर्ग के सीने में उठा था दर्द
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि 82 वर्षीय सोनारपुरा निवासी एक बुजुर्ग व्यक्ति को सीने में तेज दर्द के साथ स्वामी विवेकानन्द मेमोरियल राजकीय चिकित्सालय भेलूपुर में मंगलवार को उपचार के लिए लाया गया. चिकित्सालय के अधीक्षक व फिजिशयन डॉ क्षितिज तिवारी एवं डॉ रोहित कुमार सोनी, पैरामेडिकल चिकित्सा कर्मियों के द्वारा तत्काल ईसीजी करके रोगी के स्थिति के बारे में संपूर्ण जानकारी की गई तथा विंडो पीरियड के अंतर्गत ही रोगी को थ्रंबोलाइज्ड कर जान बचाई गई.
पांच रोगियों की बचाई जा चुकी जान
सीएमओ ने बताया कि अब तक जनपद में विभिन्न चिकित्सालय व सीएचसी में संचालित हार्ट अटैक सेंटर पर आए पांच रोगियों की जान बचाई जा चुकी है. इसमें से तीन रोगियों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय पांडेयपुर, एक रोगी को श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडली चिकित्सालय तथा एक रोगी को एसवीएम राजकीय चिकित्सालय भेलूपुर में ठीक किया जा चुका है. सीएमओ ने बताया कि थ्रांबोलिसिस थेरेपी के अंतर्गत एक विशेष प्रकार का इंजेक्शन लगाकर मरीज के नसों में रक्त के अवरुद्ध प्रवाह को दूर करने की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाता है. हार्ट अटैक आने या मरीज में हृदयाघात की समस्या दिखाई देने पर उसे थ्रंबोलाइसिस थेरेपी दी जाती है. इससे मरीज ठीक हो जाता है. आवश्यकता पड़ने पर इससे मरीज को समय मिल जाता है तथा मरीज नजदीकी बड़े केंद्र पर जाकर आवश्यकतानुसार एंजियोप्लास्टी या अन्य जरूरी उपचार करा सकता है. सीएमओ ने बताया कि जनपद में हृदयाघात परियोजना को बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रो धर्मेंद्र जैन के सहयोग से चलाया जा रहा है. बीएचयू ‘हब’ एवं जनपद के राजकीय चिकित्सालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ‘स्पोक’ के रूप में कार्य कर रहे हैं.