Varanasi : एनजीटी ने दिया एग्रो व अर्बन फॉरेस्टरी अपनाने का सुझाव

एनजीटी के न्यायिक सदस्य डॉ अफरोज अहमद की अध्यक्षता में जिला पर्यावरणीय समिति की बैठक सम्पन्न

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 Varanasi : कमिश्नरी सभागार में नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यूनल, एनजीटी के न्यायिक सदस्य डॉ अफरोज अहमद की अध्यक्षता में वाराणसी के जिला पर्यावरणीय समिति एवं अन्य पर्यावरणीय मुद्दों से संबंधित बैठक आयोजित हुई. इसमें उन्होंने एग्रोफॉरेस्टरी तथा अर्बन फॉरेस्टरी अपनाने का सुझाव दिया. पर्यावरण को सुरक्षित रखने हेतु विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए जरूरी निर्देश दिये. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए एनजीटी के नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर दिया तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए अब तक किए गए कार्यों की जानकारी ली.

बैठक में वाराणसी में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, बायो मेडिकल वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, खतरनाक अपशिष्ट के सुरक्षित निस्तारण, कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट, इ-वेस्ट प्रबंधन, उत्प्रवाह शुद्धीकरण संयंत्र के संचालन तथा राष्ट्रीय हरित अधिकरण के विभिन्न वादों , आदेशों के अनुपालन के संबंध में भी विस्तार से जानकारी ली.

कोयले के स्‍थान पर पीएनजी अपनाएं

उन्होंने कोयले के स्थान पर पीएनजी अपनाने का सुझाव दिया. रमना एसटीपी के बारे में विस्तार से जानकारी ली जिसपर क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्तमान में 100 टन कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है. डॉ अहमद ने एनजीटी के आदेश 606 के अनुसार एसटीपी को तीन भाग में रखने का सुझाव दिया, जिसमें इंटरप्रिटेशन सेंटर, जैव विविधता पार्क तथा तीसरा भाग उसके फैलाव हेतु रखने का सुझाव दिय. शहर के बाहर अच्छे से नदी के जलग्रह एरिया को रोकने के लिए मेढ़ो पर पेड़ लगाने, पिलर लगाने हेतु भी निर्देशित किया.

बनारस को उदाहरण के रूप में करें प्रस्‍तुत

उन्होंने बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के निस्तारण 24 घण्टे के अंदर प्रोफेशनल तरीके से करने हेतु भी निर्देश किया. एग्रोफॉरेस्टरी तथा अर्बन फॉरेस्टरी अपनाने का सुझाव दिया. उन्होंने उद्योग बंधुओं के साथ बैठक करके उनको पर्यावरण संरक्षण हेतु उनकी सीएसआर तथा सीईआर फंड का इस्तेमाल करने को प्रेरित करने हेतु भी निर्देशित किया. बनारस को पर्यावरण के हिसाब से ऐसा बनाया जाये कि लोग उदारहण के रूप में प्रयोग करें. नदियों के कैचमेंट एरिया को बचाने, कीटनाशकों के प्रयोग को गंगा में मिलने से रोकने तथा नदी किनारे हरियाली को बढ़ावा देने हेतु धार्मिक लोगों को इसमें शामिल करने हेतु भी सुझाव दिया.

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बैठक में डॉ. अफरोज अहमद ने संबंधित विभाग के जनपद स्तरीय अधिकारियों से कराए जा रहे कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने हरित विकास पर विशेष सुझाव देते हुए कहा की जनपद में मुख्य बिंदुओं को चिह्नित करके अच्छा प्लान तैयार करें ताकि हरित विकास उच्च स्तर पर हो सके. उन्होंने खनन एवं निर्माण कार्य आदि के कार्यों में प्रदूषण निस्तारण को बेहतर ढंग से करने के लिए कहा.

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