जानिये बनारस में क्यों लोग मास्क के बजाये गमछा बांध रहे?

मोदी ने कहा गमछा बांधो, Varanasi में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बांटे गमछे

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कोरोना महामारी के बीच गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र बनारस (Varanasi) के कार्यकर्ताओं को सलाह दी कि साथ ही मास्‍क पर पैसा खर्च करने की जगह गमछा Towel से मुंह बांधकर घर से बाह‍र निकलें।

गमछे का इस्तेमाल करने की सलाह

कोरोना वायरस से बचने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र Varanasi में बीजेपी के जिला अध्यक्ष समेत कई बड़े नेताओं से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कोरोना को हराने के लिए लोगों के मास्क उपलब्ध नहीं होने पर गमछे का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। जिसके बाद Varanasi में कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और मास्क नहीं मिलने पर लोगों को गमछा उपयोग में लाने के लिए जागरूक करने में जुट गए।

गमछा बांटते बीजेपी कार्यकर्ता

पीएम मोदी की अपील के बाद कार्यकर्ताओं ने बांटा गमछा-दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान हर जिले में खासतौर Varanasi में बड़ी संख्या में भगवा गमछा लोगों के बीच वितरित करने के लिए भेजा गया था।


इस गमछे का इस्तेमाल अब बीजेपी कार्यकर्ता कोरोना को मात देने की तैयारी में कर रहे हैं।पीएम मोदी ने काशी के लोगों का फोन पर हाल-चाल लिया था। इस दौरान उन्होंने मास्क उपलब्ध न होने पर गमछे का इस्तेमाल करने की सलाह दी थी। साथ ही बीजेपी कार्यकर्ताओं को इस बारे में लोगों को जागरूक करने को कहा था। जिसके बाद आज बीजेपी के लोग सड़कों पर उतर आए और हाथों में भगवा गमछा लेकर और उन लोगों के बीच बांटने लगे।

पीएम ने कहा
पीएम ने Varanasi के विधायकों, जिलाध्‍यक्ष और महानगर अध्‍यक्ष से फोन पर लॉकडाउन स्थिति के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उन्‍होंने कहा- ‘आप लोग मास्‍क पर पैसा मत खर्च कीजिए। अपने यहां यूपी में गमछा लगाते हैं न तो गमछा से मुंह बांधकर घर से बाहर निकलिए।

पूछा कि काशी में कैसी स्थिति है

बीजेपी जिलाध्‍यक्ष हंसराज विश्‍वकर्मा से सबसे पहले फोन पर बात करते हुए पीएम मोदी ने उनके परिवार का हाल जाना और पूछा कि Varanasi में कैसी स्थिति है। इस पर जिलाध्‍यक्ष ने कहा कि वे लोगों के लिए मास्‍क बनवा रहे हैं। इस पर प्रधानमंत्री ने उन्हें टोकते हुए कहा कि मास्‍क बनवाने के चक्‍कर में क्‍यों पड़े हैं। बिना कारण खर्च करने की जरूरत नहीं है। मास्‍क डॉक्‍टर और स्‍वास्‍थ्‍य कर्मचारियों के लिए जरूरी है। अपने यहां (बनारस में) जो तौलिया (गमछा) होता है उसी से मुंह बांधकर चल सकते हैं जो कि काशी की रग-रग में बसा है।

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