वाराणसी: राज्‍यपाल ने लांच की योजना, डिजिटल एवं कैटरिंग दीदी करेंगी ये काम

आईआईटी मद्रास सहयोग कर रहा

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वाराणसी में महिलाओं को आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल ( ANANDIBEN PATEL ) ने डिजिटल दीदी ( DIGITAL DIDI ) एव डिजिटल कैटरिंग ( DIGITAL CATERING )की शुरूआत की है. इस बाबत दो महिलाओं को नियुक्ति पत्र भी दिये गये. इसके लिए आईआईटी मद्रास सहयोग कर रहा है. इसके अंतर्गत समूह से संबद्ध महिलाएं वैवाहिक आदि आयोजनों में कैटरिंग का कार्य करेंगी. प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी ने दिसंबर में काशी दौरे के दौरान समूह की महिलाओं का कैटरिंग कार्य केलिए आह्वान किया था. राज्‍यपाल शुक्रवार को वाराणसी ( VARANASI )के कमिश्‍नरी सभागार में आयोजितआंगनवाड़ी  सेंटरों के सुदृढीकरण कार्यक्रम में शामिल हुई थीं, जिसमें गेल इंडिया लिमिटेडके सहयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों को किट वितरण भी किया गया.

बच्‍चे का आज ध्‍यान देंगे तो कल बनेगा विश्‍वगुरु

राज्यपाल ने इस दौरान विभिन्न एमओयू के लिए सभी के प्रयासों को सराहते हुए कहा कि इसका सुखद परिणाम भविष्य में सबको मिलेगा. पहले यह विभाग सरकारों की प्राथमिकता में नहीं रहता था, अधिकारियों पर कार्य थोपे जाते थे. आज का बच्चा कल का हमारा भविष्य है. उसको आज हम ध्यानदेंगे तभी कल के दिन वो भारत को विश्व गुरु बनाने मे मददगार साबित होगा. उन्होंने 1998 में गुजरात सरकार में किये अपने प्रयासों के बारे में बताया कि किस प्रकार आईसीडीएस यूनिट व महिला बाल विकास विभाग अस्तित्व में आया तथा प्रमुख कल्याणकारी योजनाएं धीरे-धीरे राष्ट्रीय पटल पर भी अस्तित्व में आई. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में 12000 आंगनवाड़ी केंद्रों में इस प्रकार के साधन उपलब्ध हो चुकेहैं. उन्होंने मंच से इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों के लिये युवा मुख्य विकासअधिकारी हिमांशु नागपाल की मुक्तकंठ प्रशंसा भी की.

बेटा-बेटी के भाव का लिया आड़े हाथ  

उन्होंने कहा कि बच्चों को जन्म से पहले तथा जन्म के बाद अगर अच्छा रखर खाव तथा देखभाल मिले तो स्वास्थ्यगत समस्यायों को बहुत हद्द तक नियंत्रित किया जा सकता है. उन्होंनेकहा कि सभी प्रसव अस्पतालों में हो ताकि जच्चा-बच्चा की उचित देखभाल जन्म के समयहो सके. उन्होंने समाज में बेटा-बेटी भेदभाव को भी आड़े हाथों लिया. बताया कि इन प्रकारके किट वितरण से स्लो लर्नर वाले बच्चों की पहचान की जा सकती है तथा समय से उनकाउचित देखभाल कर उनको अच्छे बच्चों की श्रेणी में लाया जा सकता है. उन्होंनेमहिलाओं में कैंसर के बढ़ते मामलों को रोकने हेतु शुरुआती जांच को प्रेरित किया.उन्होंने कहा कि इसका एक एमओयू आज लखनऊ में हुआ है जिसमें बेल (भारतइलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड) के सहयोग से गांव-गांव जांच करने जायेगी जिसका लाभमहिलाओं को मिलेगा. उन्होंने विभिन्न कंपनियों को अपने सीएसआर का इस्तेमाल महिलाओंव बच्चियों के लिये खर्च करने हेतु प्रेरित किया ताकि समाज को एक नयी देते हुए गंभीर बीमारियों को रोका जा सके.

यूपी में 15 लाख महिलाएं कैंसर ग्रसित 

उन्होंने बताया कि केवल उत्तर प्रदेश में लगभग 15लाख महिलाओं में कैंसर की बीमारी है जिसको रोकने हेतु हमें जल्दी चिन्हित करनेहेतु जांच कराना चाहिए. महिलाओं के प्रति धीरे-धीरे समाज में बदलाव आ रहा है.बच्चियां अब अपने कैरियर के प्रति सचेत रहते हुए आगे बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा किसभी को अच्छे संस्कार दें. उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री श्रम एवंसेवायोजन अनिल राजभर ने राज्यपाल के इस दिशा में लगातार प्रयास करने का उल्‍लेख करते हुए कहा कि दूसरे प्रदेशों के लोग भी राज्यपाल के प्रयासों को अपनाने कोलालायित हैं. आयुष मंत्री डॉ दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’नेराज्यपाल के प्रति इस तरफ देने हुए धन्यवाद ज्ञापित किया की किस प्रकार उन्होंनेमहिलाओं, माताओं, बच्चोंसबकी सुध ली तथा लगातार वाराणसी के लिए उनके विशेष ध्यान देने को आभार जताया. माँ कीखुशी बच्चे के संपूर्ण शारीरिक विकास में मददगार साबित होता है.

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500 आंगनवाड़ी केंद्रों पर किट का वितरण

मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बताया किगेल इंडिया लिमिटेड द्वारा आज 500 केंद्रों पर किट का वितरण किया गया है. पूर्वमें भी 715 केंद्रों को भी किट वितरित किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि पूर्वमें भी 1419 केंद्रों का कायाकल्प किया जा चुका है. 2500 केंद्रों पर पोषण वाटिकास्थापित की गयी है. विभिन्न स्वास्थ्य प्रयासों के परिणामस्वरूप चिन्हित 25000बच्चों में 9000 को पूरी तरह ट्रीटमेंट देकर सही किया जा चुका है. आंगनवाड़ीकेंद्रों पर बच्चों की उपस्थिति को 45% से बढ़कर 80% पहुँच चुकी है जिसको शतप्रतिशत करने को लगातार प्रशासनिक प्रयास किया जा रहा है. पोषण ट्रैकर पर पिछले एक वर्ष से वाराणसी लगातार प्रथम स्थान पर बना हुआ है. उन्होंने बताया कि महिलाओं कोआत्मनिर्भर बनाने हेतु आज ‘डिजिटल दीदी’ नाम से कोडिंग सिखाने की शुरुआत होगी.

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