गंगा के जलस्तर में ठहराव के बाद, वृद्धि जारी
शुक्रवार की सुबह जलस्तर में दो सेंटीमीटर प्रति घंटा की वृद्धि रिकार्ड की गई जो शाम चार बजे तक एक सेमी प्रति घंटा हो गई थी. शुक्रवार की सुबह आठ बजे पानी 24 घंटे में सात सेमी बढ़कर 66.84 मीटर पर पहुंचा था जो शनिवार की सुबह 67.16 मीटर पर था.
गंगा का जलस्तर वाराणसी में पूरे एक सप्ताह तक लगातार गिरावट के बाद शुक्रवार की भोर से जो बढ़ना आरंभ हुआ वह दूसरे दिन शनिवार को भी जारी रहा. शाम छह बजे तक 34 घंटों में कुल 44 सेमी पानी बढ़ गया था. सायंकाल राजघाट पर पानी 67.28 मीटर रिकार्ड किया गया. हालांकि, अभी तक जलस्तर में वृद्धि की औसत दर 1.5 से सेमी प्रति घंटा से भी कम रही.
शुक्रवार की सुबह जलस्तर में दो सेंटीमीटर प्रति घंटा की वृद्धि रिकार्ड की गई जो शाम चार बजे तक एक सेमी प्रति घंटा हो गई थी. शुक्रवार की सुबह आठ बजे पानी 24 घंटे में सात सेमी बढ़कर 66.84 मीटर पर पहुंचा था जो शनिवार की सुबह 67.16 मीटर पर था. दस घंटे बाद शाम छह बजे तक इसमें 12 सेमी की वृद्धि हुई और यह 67.28 मीटर पर पहुंच गया था.
पिछले सप्ताह जलस्तर में तेजी के साथ वृद्धि
गंगा का जलस्तर अभी चेतावनी बिंदु से 2.992 मीटर नीचे है. एक बार फिर जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए प्रशासन के द्वारा जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम अलर्ट मोड पर है.
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पिछले सप्ताह गुरुवार यानी आठ अगस्त की शाम तक गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई थी और यह चेतावनी बिंदु से महज 0.932 मीटर नीचे रह गया था.
गंगा के तटीय इलाकों के हालात
गंगा में बढ़े जलस्तर के कारण सभी घाट डूब गए थे. शवदाह व गंगा आरती घाटों की सीढ़ियों पर होना आरंभ करना पड़ा था. तटवर्ती इलाकों में पानी भर गया था. साथ ही वरुणा में पलट प्रवाह से सारनाथ के कई क्षेत्रों तथा चिरईगांव क्षेत्र में गंगा के तटीय इलाकों में घरों और खेतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया था. इससे गंगा व वरुणा के आसपास रहने वालों के लिए दुश्वारियां काफी बढ़ गई थीं.