Varanasi : काशी की अंतरगृही परिक्रमा यात्रा में उमडा आस्‍था का सैलाब

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Varanasi : पापों के शमन के लिए काशी की पौराणिक अंतरगृही परिक्रमा यात्रा में मंगलवार को आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. सिर पर गठरी और कंधे पर झोला लिए परिक्रमा पथ पर निकलीं महिलाओं की लंबी कतारें लग गईं. परिक्रमा यात्रा के चलते कई मार्गों पर रेला उमड़ता रहा. ज्ञानवापी में पंच विनायकों के दर्शन के बाद बाबा विश्वनाथ के मुक्ति मंडप में संकल्प लेकर मणिकर्णिका तीर्थ पर स्नान से परिक्रमा यात्रा आरंभ हुई. इस यात्रा के दौरान कई तीर्थों की परिक्रमा की गई.

यात्रा के लिए इन राज्यों से पहुंचे श्रद्धालु

मणिकर्णिका चक्रपुष्करिणी तीर्थ पर स्नान और मणिकर्णिकेश्वर महादेव के दर्शन से हुआ शुभारंभ सोमवार की मध्यरात्रि के बाद से ही अंतरगृही परिक्रमा यात्रा के लिए आस्थावानों का रेला उमड़ पड़ा. पूर्वांचल के अलावा पड़ोसी राज्य बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिलों से भी हजारों लोग पहुंचे. बाबा विश्वनाथ के मुक्तिमंडप में संकल्प लेने के बाद परिक्रमा यात्रा का आरंभ मणिकर्णिका चक्रपुष्करिणी तीर्थ पर स्नान और मणिकर्णिकेश्वर महादेव के दर्शन से हुआ.

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सिद्धि विनायक के बाद कंबलेश्वर, अश्वतरेश्वर, वासुकीश्वर का दर्शन करते हुए रेला आगे बढ़ा. इस दौरान काशी में अलग-अलग स्थानों पर स्थित 75 पौराणिक तीर्थों की परिक्रमा की गई. इसके बाद ज्ञानवापी के मुक्तिमंडप में ही पहुंचकर अंतरगृही परिक्रमा यात्रा पूरी हुई. इस दौरान जगह-जगह जयकारे गूंजते रहे. वेदाचार्य पं. अरुण दीक्षित के अनुसार इस परिक्रमा यात्रा से जन्म-जन्मांतर के मनसा, वाचा, कर्मणा से किए गए पापों से मुक्ति मिल जाती है.

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