दस महीने बाद ‘जेल’ से आजाद हुआ गजराज, हादसे के बाद से चल रहा था केस
केरल में हथिनी की मौत के बाद देशभर में हाथियों को लेकर लोगों के दिल में संवेदना बढ़ गई है। वाराणसी में पिछले 10 महीनों से अपने गुनाहों की सजा काट रहे एक हाथी को अब आजाद कर दिया है। कोर्ट के आदेश पर इस हाथी को दुधवा नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा, ताकि ये अब खुली हवा में सांस ले सके।
क्या है गजराज पर आरोप ?-
गजराज पिछले 10 महीने से रामनगर वन संरक्षण में कैद थे। आरोप है कि 20 अक्टूबर 2019 को चंदौली के बबुरी थाना अंतर्गत परनपूरा गांव में दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
घटना के बाद हाथी और महावत पर वन्य जीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद गजराज को कैद कर दिया गया। इस बीच कोर्ट में सुनवाई के बाद सीजेएम ने गजराज को आजाद करने के फैसला सुनाया है।
हाथी का महावत हुआ खुश-
सीजीएम कोर्ट के मिले आदेश के बाद वन्य अधिकारी सहित 10 महीनों से उसकी सेवा करने वाला महावत भी खुश है। दुधवा नेशनल पार्क में हाथी को पूरी तरह स्वतंत्रता मिलेगी और वह अन्य हाथियों से मिल सकेगा और एक जंगल के वातावरण में रह पाएगा।
10 महीने से वन विभाग के अधिकारी हाथी के साथ रह रहे हैं, जिनसे उनका हाथी से स्नेह हो गया है। उनका कहना है कि हाथी के स्वास्थ्य में काफी सुधार हुआ है, वह पूरी तरह स्वस्थ है। कुछ दिन की तैयारियों के बाद उसको नेशनल पार्क भेज दिया जाएगा।
क्या कहते है अधिकारी ?-
प्रभागीय वन अधिकारी महावीर कौजलगी ने बताया कि हाथी एक प्राइवेट ओनर द्वारा रखा गया था, जिसका प्रॉपर लाइसेंस नहीं था। हाथी रखने का जो प्रोटोकॉल होता है, उसने उसका पालन नहीं किया था। जिसकी वजह से रास्ते में जाते समय हादसे में एक आदमी मारा गया।
उस घटना के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ एक्शन लिया। हाथी को वन विभाग ने रिकवर कर लिया। इस बाबत जो भी लीगल कार्रवाई है वह माननीय न्यायालय में चल रही है। हाथी के लिए अब सीजीएम कोर्ट से एक आदेश आया है कि उसको दुधवा नेशनल पार्क भेजा जाए, ताकि इसको नेचुरल वातावरण में जीने का मौका मिले।
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