वाराणसी: पहाड़ों में बारिश का असर, फिर काशी में बढ़ने लगीं गंगा
दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही हैं गंगा, वरूणा में पलट प्रवाह शुरू
पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण गंगा के जलस्तर में एक बार फिर तेज गति से वृद्धि शुरू हो गई है. गंगा का जलस्तर दो सेमी प्रति घंटा की गति से बढ़ा रहा हैं. बता दें कि सोमवार रात तब गंगा के बढ़ने की रफ्तार एक सेंमी प्रतिघंटे हो गई थी. इसके चलते वरुणा में पलट प्रवाह भी शुरू हो गया है. इससे निचले इलाकों के लोगों ने फिर अपने सामान समेटने शुरू कर दिए हैं. उधर नाविकों को भी अपने नावों की देखभाल पूरी रात करना पड़ रही है. स्थानीय नाविक ने बताया कि बाढ़ के समय नाव गंगा की तेज धारा में बह न जाए, इसके लिए उसे समय समय पर बांधना पड़ता है. गंगा का जलस्तर कई बार बढ़ा और उसके बाद घटा है. अबएक बार पुनः गंगा तेजी से बढ़ रही हैं. नाव संचालन पर पहले से ही रोक लगी हुई है. सभी नाविक अपनी नावों को घाटों पर बांधकर उसकी रखवाली कर रहे हैं.
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अंतिम संस्कार में आए लोगों को हो रही दिक्कत
वहीं, काशी में दो प्रसिद्ध महाशमशान हरिश्चंद्र घाट और मणिकर्णिका घाट पर बाढ़ के कारण अंतिम संस्कार के लिए आनेवालों के दिक्कतें हो रही हैं. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक सुबह आठ बजे तक गंगा का जलस्तर 68.26 मीटर पर था. उत्तराखंड, मध्य प्रदेश में लगातार तेज बारिश के चलते गंगा में उफान की बार-बार स्थिति आ रही है. मंगलवार को गंगा के प्रमुख घाट फिर जलमग्न होते दिखे. मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर पुरानी स्थिति आ गई है. शवों के अंतिम संस्कार के लिए लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.
अलर्ट पर जल पुलिस और एनडीआरएफ
गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट पर है. जल पुलिस के साथ एनडीआरएफ की टीम पूरी तरह मुस्तैद है. जिला प्रशासन भी बाढ़ चौकियों को एक्टिव करने में जुटी है. ताकि बाढ़ की संभावित स्थिति में लोगों को राहत शिविर तक पहुंचाया जा सके. बता दें कि पिछले सप्ताह गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब आकर घटने लगा था.
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फिर बदला गंगा आरती का स्थल
जय मां गंगा सेवा समिति के लोगों ने बताया कि गंगा का जलस्तर बार-बार घट और बढ़ रहा है. इसके कारण बार-बार गंगा आरती स्थल बदलने पड़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि इससे पहले भी जब गंगा का जलस्तर बढ़ा तो गंगा आरती स्थल पर मिट्टी जमा हो गई थी. पंप लगाकर मिट्टी और जमा शिल्ट को हटाया गया. अब फिर गंगा बढ़ने लगी हैं. उनका कहना है कि कहने को तो नगर प्रशासन घाटों की सफाई के दावे करता है लेकिन नगर निगम का कहीं भी पंप दिखाई नहीं देता.