वाराणसी के अशोक विहार कॉलोनी निवासी RTO क्लर्क गणेश दत्त मिश्रा के खिलाफ लालपुर-पांडेयपुर थाने में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा दर्ज किया गया है. गणेश साल 2020 में वाराणसी में वरिष्ठ सहायक लिपिक पद पर तैनात था और तत्कालीन परिवहन आयुक्त के आदेश पर उसके खिलाफ जांच की गई थी. आरोपित गणेश दत्त की वर्तमान तैनाती जौनपुर जिले में है.
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जांच में पता चला कि आरटीओ कार्यालय में तैनात क्लर्क गणेशदत्त मिश्रा करोड़पति है. यह करोड़पति क्लर्क वाराणसी के थाना लालपुर-पांडेयपुर क्षेत्र के अशोक विहार कॉलोनी फेज वन का निवासी है. जांच में पुष्टि के बाद उसके खिलाफ अब आय से अधिक संपत्ति मामले में मुकदमा दर्ज हुआ. यह मुकदमा भ्रष्टाचार निवारण संगठन के निरीक्षक उपेंद्र सिंह यादव की तहरीर पर दर्ज किया गया है. उसके खिलाफ धारा 13(1) (ब), एवं 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ है.
वाराणसी में तैनाती के दौरान का है मामला, परिवहन आयुक्त ने कराई थी जांच
भ्रष्टाचार निवारण संगठन के निरीक्षक उपेंद्र सिंह यादव के अनुसार वर्ष 2020 में गणेशदत्त मिश्रा वाराणसी में वरिष्ठ सहायक लिपिक पद पर तैनात था. तत्कालीन परिवहन आयुक्त के आदेश पर जांच में गणेशदत्त मिश्रा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मिली है. जांच में पाया गया कि निर्धारित अवधि में वेतन, बोनस, एरियर, बीमा पालिसियों से प्राप्त, आरोपी व उसके परिवारीजन के खाते से ब्याज के रूप में, आरडी से प्राप्त धनराशि, परिजनों और रिश्तेदारों से प्राप्त धनराशि से कुल 37 लाख 82 हजार 906 रुपए अर्जित किया था. जबकि उसी अवधि में उसने 44 लाख 59 हजार 852 रुपए खर्च किये. निर्धारित अवधि में गणेशदत्त मिश्रा द्वारा 6 लाख 76 हजार 946 रुपए ज्यादा खर्च किया गया. पूछताछ में गणेशदत्त मिश्रा इसका स्पष्टीकरण भी नहीं दे सके. इसलिए सम्यक जांच से गणेशदत्त मिश्रा को अनानुपातिक परिसम्पत्ति अर्जन करने के प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया. बताया जाता है कि गणेश दत्त मिश्रा के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें हुई थीं. लेकिन कोई कार्रवाई नही हो सकी.