गंगा के जलस्तर में उछाल से बढ़ने लगी दुश्वारियां
गंगा के जलस्तर में वाराणसी के आस-पास के रिहायशी समेत खेतीबाड़ी की जमीने डूब जाती है. इसका सबसे बुरा प्रभाव तब पड़ता है जब बाढ़ का पानी लौटता है. यह अपने पीछे तमाम तरह की गंदगी, मिट्टी, जलकुंभी आदि छोड़ जाता है.
वाराणसी में पिछले कई हफ्तों से गंगा के जलस्तर में उतार- चढ़ाव देखने को मिल रहा है. हालांकि पिछले कुछ दिनों से बारिश कम हो गई है, लेकिन पहाड़ों का पानी अब धीरे-धीरे मैदानी इलाकों में अपना असर दिखाना शुरू कर रहा है. इससे गंगा नदी में पानी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. हालांकि पिछले दिनों कुछ समय तक इसमें ठहराव भी देखने को मिला लेकिन आज मंगलवार को गंगा में 2 सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ाव जारी है. इसके चलते प्रभावित लोगों की दुश्वारियां बढ़ती जा रही है.
वरूणा नदी पर सबसे अधिक प्रभाव
आमतौर पर जब बाढ़ आती है तो इसके पलट प्रवाह का असर वरूणा नदी पर सबसे अधिक पड़ता है. इसके चलते वाराणसी के आस-पास के रिहायशी समेत खेतीबाड़ी की जमीने डूब जाती है. इसका सबसे बुरा प्रभाव तब पड़ता है जब बाढ़ का पानी लौटता है. यह अपने पीछे तमाम तरह की गंदगी, मिट्टी, जलकुंभी आदि छोड़ जाता है.
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इसके जल भराव के कारण कई इलाके डूब जाते हैं, जहां पर रहने वाले लोगों को तमाम सारी दिकक्तों का सामना करना पड़ता है. लोग पलायन करने को मजबूर हो जाते है. पानी के सड़न की वजह से बीमारियां फैलने लगती है. जिसके चलते संक्रमण फैल जाता है.
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प्रशासन की तरफ से राहत कार्य
वहीं प्रशासन की तरफ से इन तमाम दिक्कतों के बीच प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जाते हैं, लोगों को खाने के पैकेट, राशन और पीने का पानी भी मुहैया कराया जाता है. इसके साथ ही कई लोगों को उनको घरों से निकाल बनाई गई राहत चौकियों में अस्थायी तौर पर रूकने की व्यवस्था कराई जाती है.