Varanasi: विश्व पर्यावरण दिवस पर गंगा की सफाई, प्रदूषण मुक्त विश्व का किया शंखनाद
Varanasi: वृक्षों और जल से ही यह वसुधा समृद्ध है, यही जीवन का सच्चा आधार हैं का संदेश देकर विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर नमामि गंगे ने वाराणसी के दशाश्वमेध व प्रयाग घाट पर गंगा तलहटी की सफाई की. गंगा जल को प्रदूषित कर रही सामग्रियों को निकालकर प्रदूषण मुक्त विश्व की कामना की गई. शंख ध्वनि के बीच गंगा सफाई और आरती के दौरान जल के संरक्षण का संकल्प लिया गया. अहिल्याबाई घाट पर पर्यावरण को शुद्ध रखने और वृक्षारोपण की भावना जागृत करने की नियत से लोगों को तुलसी का पौधा प्रदान किया गया.
गंगा की उतारी आरती
पर्यावरण के प्रमुख स्रोत भगवान भास्कर, जल रूपी मां गंगा और वनस्पति रूपी तुलसी की आरती उतारी गई. नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस हमारे लिए केवल एक रस्म-भर नहीं है, बल्कि यह खास दिन पर्यावरण के महत्व को उजागर करने और लोगों को यह याद दिलाने के लिए मनाया जाता है कि प्रकृति को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. कहा कि पेड़-पौधे लगाने, पेड़ों को संरक्षित करने, हरे पेड़ न काटने, नदियों को साफ रखने, जल का संरक्षण और प्रकृति से खिलवाड़ न करने जैसी चीजों के लिए हमें जागरूक होना चाहिए.
इस बार हम सब को मिलकर पृथ्वी को प्रदूषण मुक्त बनाने का संकल्प लेकर उस दिशा में काम करना प्रारम्भ करना चाहिए. आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, सोहन सिंह, राजेंद्र सिंह, रमेश चौहान, रतनलाल, नागेंद्र शर्मा आदि उपस्थित रहे.
एनडीआरएफ ने चलाया वृहद पौधरोपण अभियान
11 एनडीआरएफ के उपमहानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा की अगुवाई में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण हेतु “वृहद वृक्षारोपण अभियान” साहूपुरी (चंदौली) में चलाया गया. एनडीआरएफ के बचाव कर्मियों द्वारा विभिन्न प्रकार के फलदार एवं छायादार पौधे लगाए गए. इस “वृहद वृक्षारोपण अभियान” में 500 से अधिक पौधे लगाए गए, जिसमें एनडीआरएफ के अधिकारियों एवं बचाव कर्मियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया.
आज के पौधारोपण अभियान का मुख्य उद्देश्य हमारी प्रकृति की रक्षा के लिए जागरूकता को बढ़ाना है. पर्यावरण को बेहतर बनाना, जैव विविधता को बढ़ावा देना और एक स्थायी भविष्य में योगदान करना इस पहल के प्रमुख उद्देश्य थे. यह कार्यक्रम न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम था बल्कि यह एक शैक्षिक अनुभव भी साबित हुआ, जिसने पेड़ों और हरित क्षेत्रों के महत्व के बारे में जन जागरूकता बढ़ाई.
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उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों से भी अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया. पर्यावरण संरक्षण हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है. हर छोटे प्रयास का बड़ा प्रभाव हो सकता है. हम सब मिलकर अपने पर्यावरण की रक्षा करें और एक स्वस्थ, हरित और समृद्ध भविष्य की ओर कदम बढ़ाएं.
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