बनारस के बटुकों ने थामा बैट-बॉल, संस्कृत में हुई कमेंट्री
अभी तक अपने वन-डे, टेस्ट और टी-20 क्रिकेट मैच देखा होगा लेकिन वाराणसी के संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के मैदान पर एक ऐसा मैच खेला जाता है, जिसे देखने के लिए लोगों को पूरे साल इन्तजार रहता है। खेल भी वही रहता है। खेल के नियम भी वही रहते हैं।
कुछ अलग रहता है तो मैदान पर नजर आने वाले खिलाड़ी। सिर पर लम्बी चोटी, माथे पर त्रिपुण्ड और धोती धारण किये खिलाड़ी ज़ब मैदान में उतरते है तो हर कोई हैरान रह जाता है। यही नहीं मैच के दौरान संस्कृत में होने वाली कमेंट्री सुनकर दर्शक एकबारगी ठिठक जाते हैं।
अम्पायर का भी अलग लुक
मैच के दौरान अंपायर भी अलग लुक में नजर आते हैं। अम्पायर भगवा धोती,दुपट्टा व रुद्राक्ष की माला धारण किए हुए थे। लंबी चुटियाधारी संस्कृत के बटुक मैदान में भी आपस में संस्कृत में ही बात करते थे।
दरअसल, संस्कृत के संवर्धन के लिए समर्पित दशाश्वमेध स्थित श्री शास्त्रार्थ महाविद्यालय के 77वें स्थापनोत्सव पर आयोजित इस अद्भुत व अनूठी क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें सभी बटुक खिलाड़ी अपने परंपरिक गणवेश धोती व कुर्ता में टीका-त्रिपुण्ड लगाकर मैदान पर क्रिकेट खेलने उतरे। सभी खिलाड़ियों में मैच जीतने का काफी जोश था।
हर साल आयोजित होती है प्रतियोगिता
मैच का उद्घाटन शास्त्रार्थ महाविद्यालय के प्राचार्य व संयोजक डा.गणेश दत्त शास्त्री ने बटुक खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर किया। इस अवसर पर क्रिकेट प्रतियोगिता के संयोजक शास्त्रार्थ महाविद्यालय के राष्ट्रपति पुरस्कृत प्राचार्य डा.गणेश दत्त शास्त्री ने कहा कि प्रतिवर्ष स्थापनोत्सव पर यह प्रतियोगिता छात्रों के उत्साहवर्धनार्थ किया जाता है।
आचार्य विकास दीक्षित व डा.राघवशरण मिश्र ने भी बीच-बीच में संस्कृत में कमेंट्री की। कुछ क्षण अंग्रेजी में कमेंट्री डा.अशोक पांडेय ने की।
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