वाराणसी: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर इस्कान मंदिर में सजेगी महाप्रभु की आकर्षक झांकी
देश-विदेश के फूलों और वृंदावन के आकर्षक पोषाकों से भगवान के विग्रहों को सजाया जाएगा
वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र गुरूधाम-दुर्गाकुंड मार्ग पर स्थित इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की सुंदर झांकी सजाई जाएगी. देश-विदेश से आए सुंदर फूलों और वृंदावन के आकर्षक पोषाकों से भगवान के विग्रहों को सजाया जाएगा. ब्रह्म मूहुर्त में मंगला आरती के बाद दिनभर हरिनाम का संकीर्तन होगा.
यह जानकारी शुक्रवार को मंदिर प्रबंधन समिति के चेयरमैन अच्युत मोहनदास ने जन्माष्टमी की तैयारियों की मीडिया को जानकारी दी. बताया कि इस्कॉन द्वारा जन्माष्टमी 2024 के भव्य उत्सव की तैयारी की जा रही है.
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यह भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य प्राकट्य का दिन है, जिसे धूमधाम से मनाया जाएगा. यह महोत्सव कई दिनों तक चलेगा, जिसमें आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला होगी. इसमें भक्तों के अलावा व्यापक समुदाय को इस पावन अवसर पर एकत्रित किया जाएगा. आयोजन समिति में मुख्य रूप से अच्युत मोहन दास (अध्यक्ष), साक्षी मुरारी दास, रसिक गोविंद दास, मुरारी गुप्त दास और धवल कृष्ण दास शामिल हैं.
प्रवचन, भक्ति संगीत और नृत्यप्रदर्शन होगा
उन्होंने बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी पर मंदिर में विविध कार्यक्रम होंगे. इसके तहत कृष्ण लीला कथा प्रवचन 20 से 26 अगस्त तक सुबह 7.30 से 10.00 बजे तक होगा. सुबह की शुरुआत भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं की दिव्यकथा और व्याख्यान से होगी. यह ज्ञानवर्धक सत्र श्रीमान अच्युत मोहन दास और सुदामा दास द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा. भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और शिक्षाओं में गहरी अंतर्दृष्टि के बारे में बताया जाएगा. प्रवचन के बाद सभी भक्तों को प्रसादम वितरित किया जाएगा. कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम 25 और 26 अगस्त की शाम 6 बजे से रात 11 बजे तक होगा. भक्ति संगीत और नृत्यप्रदर्शन से भरी एक शाम का आनंद आईआईटी-बीएचयू के पूर्व छात्रों के द्वारा स्थापित विश्वधा बैंड द्वारा कीर्तन और भजन प्रस्तुत किए जाएंगे. इस दौरान वाराणसी के विभिन्न विद्यालयों के छात्र भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और शिक्षाओं से प्रेरित नृत्य प्रदर्शन प्रस्तुत करेंगे.
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भगवान श्रीकृष्ण का होगा भव्य अभिषेक
कलश महा-अभिषेक और आरती 26 अगस्त की रात 10 से 12.30 बजे तक होगी. इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण का भव्य अभिषेक किया जाएगा. इसमें 51 प्रकार की वस्तुओं, जिनमें विभिन्न प्रकार के फूल शामिल होंगे, का उपयोग किया जाएगा. इस दिव्य अनुष्ठान के बाद आरती होगी. 27 अगस्त की सुबह 10 बजे से 12 बजे तक नंदोत्सव मनाया जाएगा. इसके बाद श्रील प्रभुपाद कथा, कीर्तन और भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य बाल्यकाल के सम्मान में एक महाअभिषेक किया जाएगा.यह कार्यक्रम 108 प्रकार के महाभोग की भव्य भेंट के साथ समाप्त होगा.