वंदे भारत : सिंगापुर के लिए पहली उड़ान भरेगी एयर इंडिया

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय वाहक एयर इंडिया विदेश में फंसे हुए भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत गुरुवार को नई दिल्ली से सिंगापुर के लिए पहली विशेष उड़ान संचालित करने के लिए तैयार है।

मंगलवार को जारी किए गए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपीएस) के बाद एयरलाइन ने अपने पायलटों और चालक दल का कोविड-19 परीक्षण किया है और गुरुवार दोपहर तक उनकी रिपोर्ट आने की उम्मीद है।

विमान उड़ान भरने के लिए पूरी तरह तैयार है और एयर इंडिया ने इस मिशन को शुरू करने के लिए अन्य सभी आवश्यक पहलुओं का भी ध्यान में रखा है।

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली-सिंगापुर की यह उड़ान 64 फेरी सेवाओं में पहली उड़ान होगी, जो एयरलाइन और इसकी सहायक कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस द्वारा सात से 13 मई तक संचालित की जानी है। यह भी गुरुवार को संचालित होने वाली भी एकमात्र उड़ान होगी।

एक सूत्र ने बताया, “हमारे उड़ान संचालन में कोई देरी नहीं हुई है। हम सभी निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं, जो कल ही जारी किए गए थे। इतने कम समय में हमने तत्परता दिखाई है और हम फिलहाल महज अंतिम परीक्षण रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।”

वंदे भारत

भारत सात मई से दुनिया के सबसे बड़े हवाई बचाव कार्यों में से एक शुरू करेगा, जब दोनों एयरलाइंस मिशन के पहले चरण की शुरूआत करेंगे। योजना के अनुसार, 12 देशों में फंसे 14,800 भारतीयों को वापस लाने के लिए ये दोनों एयरलाइंस सात दिनों में 64 उड़ानों का संचालन करेंगी।

इस दौरान कुल मिलाकर 190,000 से अधिक भारतीय नागरिकों को इस एयरलिफ्ट ऑपरेशन के तहत वापस लाए जाने की उम्मीद है, जिन्हें एक तरफा उड़ान सेवा शुल्क देना होगा।

इसकी तुलना में अगर तीन दशक पहले के ऑपरेशन की बात करें तो एयर इंडिया ने एयरलाइनों के एक समूह का नेतृत्व किया था, जिसमें करीब 111,711 भारतीयों को वापस लाया गया था।

इस कार्य में भारतीय वायुसेना शामिल थी। यह उस समय की बात है जब इराक ने 1990 में कुवैत पर हमला कर दिया था और वहां फंसे भारतीयों को वापस लाना पड़ा था।

उस 59 दिवसीय ऑपरेशन में 488 उड़ानें शामिल हुई थीं और यह पहले खाड़ी युद्ध से पहले आयोजित किया गया था।

इस बार की योजना के अनुसार, संयुक्त अरब अमरीत (यूएई) में सात से 13 मई के बीच भारतीयों को लाने के लिए 10 उड़ानें संचालित की जाएंगी, जबकि अमेरिका के लिए सात, मलेशिया के लिए सात और सऊदी अरब के लिए पांच उड़ानें भेजी जाएंगी।

इसके बाद इन उड़ानों का लाभ उठाने वाले यात्रियों से एकतरफा सेवा के लिए शुल्क लिया जाएगा, क्योंकि राष्ट्रीय वाहक पहले से ही वित्तीय संकट में है।

हाल ही में अपनी अनिश्चित वित्तीय स्थिति के बावजूद एयरलाइन ने कोविड-19 संकट के दौरान विदेश में फंसे 9,000 से अधिक यात्रियों को निकाला है।

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