पतंजलि मामले में उत्तराखंड लाइसेंसिंग अथारिटी को फटकार

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में सुनवाई के दौरान उत्तराखंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी को फटकार लगाई. कोर्ट ने फटकार लगते हुए कहा कि आप अब जगे है. इतना ही नहीं कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापनों को लेकर अथॉरिटी की निष्क्रियता पर सवाल उठाए. सुनवाई के दौरान पतंजलि के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमने जो माफीनामें अख़बारों को दिया है उसे कोर्ट रजिस्ट्री में जमा कर दिया है. वहीँ, रोहतगी ने कोर्ट में अख़बार में छपे माफीनामें को भी दिखाया.

ओरिजिनल रिकॉर्ड क्यों नहीं जमा किए- कोर्ट…

माफीनामे पर कोर्ट ने कहा कि आपने ओरिजिनल रिकॉर्ड क्यों नहीं दिए?. आपने ई- फाइलिंग क्यों की?. इसमें बहुत सारा कन्फ्यूजन है. इसलिए हम अपने हाथ खड़े कर रहे है. हमने ओरिजिनल कॉपी माँगी थी वो कहाँ है. वहीँ, रामदेव के वकील ने कहा कि हो सकता है कि यह मेरी अज्ञानता की वजह से हुआ हो. वहीँ, कोर्ट ने कहा कि जो माफीनामा पिछले बार छपा था उससे यह बड़ा है. उसमें केवल पतंजलि लिखा था. हम इस माफीनामे की सराहना करते हैं. आखिरकार हमारी बात आपको समझ में आ गई. आप सिर्फ अखबार और इस दिन की तारीख का माफीनामा जमा करें.

…आखिरकार आप नींद से जाग गए

कोर्ट में सुनवाई के दौरान उत्तराखंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने बताया कि उसने पतंजलि और उसकी इकाई दिव्या फार्मेसी की 14 मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है. इस पर कोर्ट ने कहा कि आप अब जागे है. कोर्ट ने कहा कि इससे यह साफ़ होता है कि जब आप कुछ करना चाहते हैं तो आप जल्दी करते हैं नहीं तो आप सालों लगा देते हैं. आपने तीन दिन में एक्शन ले लिया. इससे पहले 9 महीने तक क्या कर रहे थे.

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कोर्ट ने लगाया जुर्माना…

इतना ही नहीं, कोर्ट ने उत्तराखंड आयुष विभाग पर जुर्माना भी लगाया है. विभाग ने कहा कि उन्हें तीन महीने के अंदर अपील दाखिल करनी होगी. अदालत ने कहा यह आपको सब पहले करना चाहिए. अगर आपने कोई कार्यवाही की हो तो उसका हलफनामा जमा करें. अगर पिछले हलफनामें में जाएँ तो आपने कोई कार्यवाही नहीं की है. फिर मत कहियेगा कि आपने हमे मौका नहीं दिया.

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