Uttarakhand: उत्तराखंड में आज से UCC लागू हो जाएगा. इसी के साथ उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा जहां पर UCC कानून प्रभावी हो जाएगा. उत्तराखंड के सीएम ने कहा कि इसे लागू करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है और इसमें कोई दिक्कत नहीं होगी. प्रदेश में जाति- धर्म को लेकर कोई भेदभाव नहीं रहेगा.
आज UCC पोर्टल होगा लांच…
बता दें कि, सीएम धामी आज UCC को लेकर एक पोर्टल लांच करने के साथ-साथ यूसीसी की नियमावली भी जारी करेंगे. गृह सचिव की ओर से सभी विभागों के चीफ और पुलिस अधिकारियों को आज के कार्यक्रम में मौजूद रहने को कहा गया है. बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड शादी, तलाक, मेंटिनेंस, संपत्ति का अधिकार, गोद लेने और उत्तराधिकार जैसे क्षेत्रों को कवर करता है.
यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या होता है ?
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब ये है कि देश में जो भी नागरिक रह रहे हैं, फिर चाहें वो किसी भी धर्म, जाति या लिंग के हों, उनके लिए एक ही कानून होगा. इसके लागू होते ही शादी, तलाक, लिव इन रिलेशनशिप, बच्चा गोद लेने का अधिकार समेत तमाम अधिकारों में एकरूपता नजर आती है. फिर धर्म के आधार पर नियम अलग नहीं हो सकते.
UCC लागू होने के बाद यह होगा बदलाव…
बता दें कि राज्य में UCC लागू होने के बाद कई बदलाव होंगे जिसमें अब कपल्स को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा.किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय के लिए तलाक का एक समान कानून, हर धर्म और जाति की लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल,सभी धर्मों में बच्चा गोद लेने का अधिकार मिलेगा, दूसरे धर्म का बच्चा गोद नहीं ले सकते.
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वहीँ, सबसे खास बात यह है कि इस कानून के बाद राज्य में हलाला और इद्दत जैसी प्रथा बंद हो जाएगी.
एक पति और पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा.
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जायदाद में लड़के और लड़कियों की बराबरी की हिस्सेदारी होगी.लिव-इन रिलेशनशिप के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है.लिव-इन रिलेशनशिप वालों की उम्र 18 और 21 साल से कम है तो माता-पिता की सहमति लेनी होगी.लिव इन से पैदा होने वाले बच्चे को शादी शुदा जोड़े के बच्चे की तरह अधिकार मिलेगा. इस कानून से शेड्यूल ट्राइब को बाहर रखा गया है.