योगी राज में क्यों ‘पलायन’ को मजबूर 35 हिंदू परिवार ?
यूपी के बिजनौर जिले में दो समुदायों के बीच धर्मस्थल से लाउडस्पीकर हटाने को लेकर शुरु हुआ विवाद अब पलायन तक पहुंच गया है। गरावपुर गांव के तीन परिवार पलायन कर गए हैं और अब मसूरी के जंगलों में तंबू लगाकर रह रहे हैं। वहीं दूसरा परिवार पंजाब का रुख कर चुका है। बता दें कि गरावपुर गांव में उपजे इस विवाद के बाद करीब 35 परिवारों ने पलायन की धमकी दी थी और अपने घरों पर लिखा था कि ये मकान बिकाऊ है।
तीन परिवार कर चुके हैं पलायन
बीते मंगलवार को मानसिंह, भोगेन्द्र, औऱ अजयपाल के परिवारों ने गांव छोड़ दिया। स्थानीय लोगों के मुताबिक अगर गुरुवार तक इस मामले में प्रशासन की ओर से कोई हल नहीं निकालता है तो और भी परिवार पलायन करेंगे। तीन परिवारों के पलायन के बाद संबंधित थाने के थानाध्यक्ष पंकज तोमर परिवारों से बात करने को उनके पास गए लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला औऱ उन्हें खाली हाथ आना पड़ा। मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव में फोर्स तैनात कर दी गई है।
गांव के करीब 35 परिवारों ने पलायन की धमकी दी
गरावपुर गांव से अबतक तीन परिवार अपना घर छोड़ कर पास के जंगलों में तंबू लगाकर रहने लगे हैं। वहीं दूसरी तरफ एक अन्य युवक अपने पूरे परिवार के साथ पंजाब चला गया है। गांव के करीब 35 परिवारों ने पलायन की धमकी दी थी। गांव छोड़ने की बात जब प्रशासन को पता चली तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में संबंधित थानाध्यक्ष जंगल में रह रहे परिवारों से मिलने पहुंचा लेकिन परिवारों ने कहा कि जब तक मामला किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच जाता तबतक वो वापस नहीं जाएंगे। वहीं गांव के औऱ परिवारों ने गुरुवार तक कोई हल न निकलने पर गांव छोड़ने की धमकी दी है।
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क्या है मामला ?
दरअसल, गांव में सैकड़ों साल पुराना एक देवस्थान है जहां पर जाट समुदाय मंदिर बनाना चाहता है जिसका मुस्लिम समुदाय विरोध कर रहा है। वहीं दूसरे समुदाय के लोगों का कहना है कि खाली पड़ी सरकारी जमीन पर कब्जे की नीयत से लोग मंदिर बनाना चाहते हैं और ऐसा न होने पर पलायन की धमकी दे रहे हैं।
साल में एकबार मिलती है लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति
गांव के देवस्थल पर साल में एकबार लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति प्रशासन की तरफ से दी जाती है। लेकिन जाट समुदाय पूरे साल लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति चाहता है। वहीं फरवरी महीने में बिना अनुमति के पूजास्थल पर लाउडस्पीकर लगाया गया जिसकी शिकायत मिलने पर प्रशासन ने उसे उतार दिया था।