UP बार काउंसिल में अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर बढ़ी रार
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल अध्यक्ष पद को लेकर विवाद बढ़ता दिख रहा है। पद को लेकर काउंसिल के अध्यक्ष और कार्यवाहक अध्यक्ष के बीच लगातार जोर-आजमाइश चल रही है। दोनों एक-दूसरे को गलत बताकर खुद को अध्यक्ष की कुर्सी का सही दावेदार बता रहे हैं।
सोमवार को सदस्य हरिशंकर सिंह ने प्रेस वार्ता कर खुद को पूरे एक वर्ष के कार्यकाल का अध्यक्ष बताया तो वहीं उपाध्यक्ष प्रशांत सिंह अटल का दावा है कि फिलहाल कार्यवाहक अध्यक्ष के पद पर वहीं है और छह माह के लिए अध्यक्ष कौन होगा इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।
बता दें कि 12 जून को बार काउंसिल की अध्यक्ष दरवेश यादव की हत्या हो गई थी। सोमवार को काउंसिल अध्यक्ष कक्ष में हरिशंकर सिंह ने पत्रकारों से कहा कि काउंसिल के सदस्यों ने मुझे अध्यक्ष चुना है। मैं असली अध्यक्ष हूं। सारे सदस्यों का समर्थन और नियम-कानून मेरे साथ है। मेरे रहते कार्यवाहक अध्यक्ष की क्या जरूरत है?
आगे उन्होंने कहा कि अध्यक्ष का कार्यकाल एक साल का होता है। दरवेश यादव और मुझे बराबर वोट मिले थे जिससे कार्यकाल छह-छह माह का हो गया। दरवेश की मृत्यु के बाद उनका कार्यकाल 11 माह 27 दिन का हो गया है।
दूसरी तरफ काउंसिल के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रशांत सिंह अटल का कहना है कि कौंसिल की नियमावली सेक्शन 17 में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का कार्यकाल एक-एक साल का होता है। वोट बराबर मिलने पर कार्यकाल छह-छह माह का होता है। अध्यक्ष के न रहने पर उपाध्यक्ष को कार्यवाहक अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलती है।
चुनाव होने के बाद 11 जून को बार काउंसिल ऑफ UP में दरवेश को अध्यक्ष व मुझे उपाध्यक्ष के रूप में स्वीकृति मिली है। दरवेश की मृत्यु के बाद मैं कार्यवाहक अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहा हूं।
प्रशांत सिंह ने आगे बताया कि हरिशंकर का कार्यकाल 12 दिसंबर से शुरू होगा। इसके पहले काउंसिल की कार्यकारिणी के पदाधिकारी व सदस्य उन्हें अध्यक्ष स्वीकार करते हैं तभी वह उस पद पर आसीन होंगे। अध्यक्ष या किसी दूसरे पद पर कोई जबरन नहीं बैठ सकता।
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