वाराणसी के लंका थाने की पुलिस ने बुधवार को तीन अंतरराज्यीय शातिर वाहन चोरों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से और निशानदेही पर चोरी की 15 मोटरसाइकिलें बरामद किया है. पकड़े गये इन चोरों में दो बिहार के और एक मिर्जापुर का रहनेवाला है. पुलिस की पूछताछ में तीनों ने बताया कि चोरी ही उनका मुख्य पेशा है.पुलिस ने इनके पास से तमंचे और कारतूस भी बरामद किये हैं.
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डीसीपी काशी जोन प्रमोद कुमार ने गुरूवार को चोरों को मीडिया के सामने पेश कर चोरी की घटनाओं का खुलासा किया. पुलिस ने बताया कि पकड़े गये चोरों में संजय खरवार मिर्जापुर जिले के जमालपुर थाना क्षेत्र के बहुआरे गांव का निवासी है. इसके अलावा कन्हैया सिंह और दीपक कुमार बिहार के कैमूर भभुआ जिला के चांद थाना क्षेत्र के सिहोरिया गांव के रहनेवाले हैं. तीनों की उम्र 20 से 36 वर्ष है. पुलिस की पूछताछ में तीनों ने बताया कि वह वाराणसी शहर के विभिन्न क्षेत्रों से बाइकें चुराते हैं. इसके बाद उन्हें बिहार ले जाकर बेच देते हैं. चोरी से पहले यह भीड़भाड़ वाले या सूनसान स्थान को चिन्हित कर लेते हैं.
चोरों का है संगठित गिरोह, पुलिस को बताये साथियों के नाम
इसके बाद वाहन चोरी कर गुप्त स्थान पर छिपा देते हैं. चोरी के वाहनों को बेचकर ही यह अपना और अपने परिवार का खर्च चलाते हैं. इन चोरों का संगठित गिरोह है. इनके गिरोह में करीब आधा दर्जन से अधिक लोग शामिल हैं. इन्होंने पुलिस को अपने साथियों और चोरी की बाइकें खरीदनेवालों के भी नाम बताए हैं. बताया जाता है कि तीनों बीएचयू परिसर, लंका चौराहा, संकटमोचन मंदिर, रामनगर, अस्सी घाट और आसपास की गलियों में घूमते दिखाई देते रहे. शहर के कई फुटपाथ के दुकानदारों से इनके सम्बंध हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह लूट और मकानों में चोरी में भी शामिल रहे हैं. इनमें से दो चोरों ने बिहार में भी अपराधिक घटनाओं के अंजाम दिया है. डीसीपी ने पुलिस टीम को 20 हजार रूपये पुरस्कार की घोषणा की है