BJP ने दी कांग्रेस के दिग्गजों समेत यादव परिवार को करारी मात
लोकसभा चुनाव में एक बार दोबारा भाजपा का परचम फहरा है। प्रचंड बहुमत से भाजपा की जीत की आंधी ने कई दिग्गजों को उखाड़ फेंका । इनमे यूपी की बात करें तो विपक्षियों समेत भाजपा के भी कई दिग्गजों को हार का स्वाद मिला।
भाजपा ने यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 64 सीटों पर जीत हासिल की। जहाँ सपा बसपा और रालोद का गठबंधन फेल हो गया, वहीं कांग्रेस ने अपना गढ़ ही गवा दिया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर, अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव, दो चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव, केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा समेत कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा।
राहुल गांधी:
यूपी में सबसे चौकाने वाला नतीजा रहा अमेठी का, जहां से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बीजेपी की स्मृति ईरानी से हार गये। कांग्रेस का गढ़ माना जाने वाला अमेठी राहुल के हाथों से निकल कर भाजपा का क्षेत्र बन गया।
डिंपल यादव:
अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव कन्नौज की सांसद रह चुकी है लेकिन इस बार भाजपा के सुब्रत पाठक से हार गयीं।
राजबब्बर :
कांग्रेस का यूपी में बुरा हाल रहा, राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर भी अपनी सीट बचा न सके। उनके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री आरएन सिंह, जितिन प्रसाद, सलमान खुर्शीद जैसे दिग्गज भी प्रियंका गांधी के मैदान में उतरने बावजूद जीत नहीं सके।
पूनम सिन्हा :
वहीं शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा, जो पहली बार राजनीति में आई और आते ही उन्हें राजधानी लखनऊ से गठबंधन ने राजनाथ सिंह के खिलाफ उतार दिया। हालाँकि पूनम सिन्हा को लखनऊ से हार मिली लेकिन वो दूसरे नम्बर पर रही, ये बड़ी बात थी।
अजीत सिंह और जयंत चौधरी:
इस चुनाव में सबसे ज्यादा झटका रालोद को लगा। रालोद अध्यक्ष अजीत सिंह मुजफ्फरनगर सीट से बीजेपी के संजीव बालियान से हार गए। गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रहे अजीत सिंह ने आखिरी चुनाव का दांव भी चला, लेकिन कुछ भी काम न आया। इतना ही नहीं उनके बेटे जयंत चौधरी भी बागपत से हार गए। उन्हें बीजेपी के सत्यपाल सिंह ने हराया।
धर्मेन्द्र यादव और अक्षय यादव:
यादव परिवार में भी करारी हार देखने को मिली। बदायूं से मुलायम सिंह यादब के भतीजे धर्मेन्द्र यादव ने अपनी सीट खो दी। धर्मेंद्र यादव बीजेपी की संघमित्रा मौर्य से हार गए। वहीं फिरोजाबाद से अक्षय यादव और अलग पार्टी बनाने वाले चाचा शिवपाल यादव एक दूसरे के लड़ते हुए हार गये और भाजपा के प्रत्याशी चंद्रसेन जादौन ने जीत दर्ज करवाई।
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मनोज सिन्हा:
जहाँ एक तरफ मोदी लहर चली, वहीं मनोज सिन्हा एकलौते मंत्री थे, जो अपनी सीट नहीं बच सके और बसपा के अफजाल अंसारी से एक लाख से ज्यादा वोटों से हार गये।
जया प्रदा:
फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा का तीसरी बार संसद पहुंचने का सपना भी चकनाचूर हो गया। उन्हें सपा के आजम खान ने भारी मतों से हराया।
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