पुलिस भर्ती 2015 में अगर हो गए हैं रिजेक्ट तो पढ़ें ये खबर…

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उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल ही में एक ऐसा नोटिफिकेशन जारी किया था जिसके बाद लोगों ने उस पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। 18 मई को जारी हुए इस नोटिफिकेशन में कहा गया कि यूपी पुलिस(UP Police) में भर्ती (recruitment) से संबंधित कोई भी जानकारी आरटीआई के तहत नहीं दी जाएगी। यह अधिसूचना को आरटीआई एक्ट का खुला उल्लंघन माना जा रहा है। जिसके बाद लोग यूपी पुलिस के नोटिफिकेशन की कड़ी आलोचना कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश

बीते 18 मई को जारी किये गये इस नोटिफिकेशन में कहा गया था कि अब से आरटीआई, 2005 के तहत पुलिस भर्ती परिणाम से संबंधित कोई भी जानकारी नहीं दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि सिविल सर्विस प्रीलिम्स एग्जामिनेशन के अंक आरटीआई के तहत नहीं बताए जाएंगे। इसके अलावा किसी अन्य सरकारी निकाय को आरटीआई के तहत छूट नहीं दी गई है। यही वजह है कि यूपी पुलिस के नोटिफिकेशन की लोग आलोचना कर रहे हैं।

कैंडिडेट नहीं कर सकेगा सवाल

उत्तर प्रदेश पुलिस रिक्रूटमेंट और प्रमोशन बोर्ड ने साल 2015 में 28,915 वैकेंसी निकाली थी, इन भर्तियों के लिए 15 लाख से ज्यादा अभ्यार्थियों ने आवेदन किया था।

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आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस अथॉरिटी खुद को केन्द्रीय एक्ट से साफ बचा रही है। नोटिफिकेशन में जो रिलेटिड इन्फॉर्मेशन शब्द का इस्तेमाल किया गया है, उसके आधार पर उत्तर प्रदेश पुलिस बेसिक जानकारी देने से भी इंकार कर सकती है।

इस तरह के प्रोविजन आम तौर पर किसी कैंडिडेट को ब्लॉक करने के उद्देश्य से इस्तेमाल किए जा सकते हैं और वह कैंडिडेट इस पर कोई सवाल भी नहीं कर सकेगा। यह नोटिफिकेशन 15 लाख कैंडिडेट्स के सूचना के अधिकार का एक झटके में उल्लंघन कर सकता है।

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