यूपी में बेखौफ हुए बदमाश: बिजनौर में दारोगा की हत्या
यूपी में सत्ता परिवर्तन हुए लगभग चार महीने हो गए हैं, लेकिन सूबे में आपराधिक घटनाओं पर विराम नहीं लग पा रहा है। बदमाश आम इंसान को तो निशाना बना ही रहे हैं यूपी में खाकी भी महफूज नहीं है। शुक्रवार देर शाम बिजनौर के मंडावर थाना अंतर्गत बालावाली चौकी इंचार्ज सहजोर सिंह की गला काटकर हत्या कर दी गई। उनकी सर्विस पिस्टल भी गायब बताई जाती है। सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
दरागो की हत्या के पीछे खनन माफिया का हाथ होने की आशंका से पुलिस अधिकारियों ने इंकार नहीं किया है। बता दें सहजोर सिंह शुक्रवार शाम मंडावर थाने में कुछ जरूरी कागजात जमा कर रवाना हुए थे। शाम छह बजे तक उन्हें मंडावर में ही देखा गया था। रात में मूंजी में पानी लगाने ट्यूबवैल जा रहे ग्रामीणों ने उन्हें कांच की फैक्ट्री से 200 मीटर दूर खेत में पड़ा देखा।
ग्रामीणों ने वर्दी में पड़े देखकर तत्काल थाना पुलिस को सूचना दी कि बालावाली चौकी इंचार्ज सहजोर सिंह लहूलुहान पड़े हैं। उनकी बाइक सड़क पर मंडावर रोड पर पड़ी हुई है। थाना पुलिस में हड़कंप मच गया। वहां से उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई। जिला मुख्यालय से जिलाधिकारी जगतराज त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक अतुल शर्मा समेत कई अन्य अधिकारी तुरंत ही मौके के लिए रवाना हो गए। थाना प्रभारी के मुताबिक चौकी इंचार्ज सहजोर सिंह का सर्विस पिस्टल भी गायब है। आशंका यही है कि हत्यारे पिस्टल भी ले गए। छानबीन की जा रही है। शव से ही कुछ दूर एक पाठल पड़ा हुआ था जिस पर खून लगा है।
जहां हत्या हुई वह खादर का इलाका थाने से लगभग 8 किमी दूर है। इसके पास ही बालावाली गंगा पुल बिजनौर और हरिद्वार को जोड़ने वाला पुल है। अंग्रेजों के जमाने के इस पुल पर बस और ट्रक को छोड़कर बाकी वाहनों के लिए यातायात कुछ समय पूर्व ही शुरू किया गया है। गंगा के रेत का खनन यहां से होता है। आशंका है कि हत्या के पीछे खनन माफिया का हाथ हो सकता है।
खाकी पर होते रहे हैं हमले
6 अप्रैल को आगरा के शमसाबाद इलाके में ड्यूटी पर तैनात सिपाही अजय यादव को बदमाशों ने गोली मार दी थी। घायल सिपाही ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।
उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था सुधारने का वादा करके सत्ता में आई भाजपा भी अपराधों पर लगाम नहीं लगा पा रहा है। 8 अप्रैल को भी बदमाशों प्रतापगढ़ जिले में एक सिपाही की गोलीमार हत्या कर दी थी।
यही नहीं पूर्व की अखिलेश यादव सरकार में भी पुलिसवालों की हत्या की घटनाएं होती रही हैं। दो मार्च 2013 को प्रतापगढ़ जिले के कुंडा विधानसभा क्षेत्र के हथिगवां थाना क्षेत्र के बलीपुर गांव में ग्राम प्रधान और उनके भाई की हत्या के बाद डीएसपी जिया उल हक की भी गोली मार कर हत्या कर दी गई। जिया उल हक इलाके में बतौर पुलिस क्षेत्राधिकारी तैनात थे।