यूपी: मायावती के उत्तराधिकारी बने भतीजे आकाश आनंद

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आई है जहाँ पूर्व सीएम और बहुजन समाज पार्टी (BSP)की मुखिया मयावती ( mayawati) ने अपने भतीजे आकाश आनंद (akash anand) को गद्दी सौंप दी है. काफी दिनों से चल रही चर्चा के बीच आज मायावती ने आज प्रादेशिक कार्यालय में बुलाई बैठक के दौरान इसकी घोषणा की. आपको बता दें कि मायावती जिस तरह से पार्टी का चेहरा बदलने के लिए आकाश को अब बड़ी बैठकों में सामने ला रही थी उससे यह साफ़ हो गया था कि आकाश को जल्द ही बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी जा सकती है. आकाश को पार्टी में आगे लाने के बाद से यह साफ़ हो चूका था कि आकाश आनंद ही आने वाले दिना में बसपा का चेहरा होंगे.

कौन हैं आकाश आनंद-

आकाश आनंद लंदन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) कर चुके हैं. उनकी राजनीति में एंट्री साल 2017 में हुई थी, जब वह सहारनपुर रैली में पहली बार मायावती के साथ मंच पर दिखे थे. आकाश फिलहाल पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर भी हैं. आकाश आनंद के सियासी सफर की बात करें तो वो साल 2017 में राजनीति में आए. मायावती ने 2017 में एक बड़ी रैली कर आकाश आनंद को राजनीति में लॉन्च किया था.

बता दें कि आकाश को लांच करने के बाद बसपा लगातार कमजोर हुई है. 2017 ,2019 में पार्टी को हार मिली तो 2022 में उन्हें मात्रा एक सीट मिली.

आकाश को ही क्यों बनाया उत्तराधिकारी-

आपको बता दें कि आकाश के उत्तराधिकारी की घोषणा होते ही सियासी गलियारों में आकाश आनंद की सांगठनिक क्षमता को लेकर नई बहस छिड़ने की पूरी संभावना है. बसपा ने अनुभवी नेताओं को दरकिनार कर युवा चेहरे पर दांव क्यों लगाया? इसे लेकर अभी तक कोई राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन इसके पीछे की मंशा साफ नजर आती है कि मायावती आकाश आनंद को क्रिकेट की भाषा में कहें तो की राजनीति के लिए प्रैक्टिस मैच देना चाहती हैं जिससे उनको चुनावी दांव-पेंच,  टिकट वितरण, चुनाव प्रचार और अन्य पहलुओं का अनुभव मिल सके.

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कई राज्यों में आकाश आनंद की जनसभाएं

गौरतलब है कि देश के कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आकाश आनंद ने राजस्थान समेत कई राज्यों में जनसभाएं की और मायावती के साथ नजर आए. राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान आकाश को बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी जहाँ उन्होंने लगातार कई जनसभाएं की और लोगों के बीच गए. मायावती उनको बड़ा चेहरा बनाने के लिए ही राजस्थान बिहार समेत अन्य चुनावी राज्यों में भेज रही थी.

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