विकास दुबे एनकाउंटर मामले में यूपी सरकार का SC में हलफनामा, कहा- इसे फेक एनकाउंटर नहीं कहा जा सकता
विकास दुबे एनकाउंटर केस में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दिया है। यूपी सरकार ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच के लिए आयोग का गठन किया जा चुका है। विकास दुबे एक ‘खूंखार गैंगस्टर’ था, जिसने आठ पुलिसकर्मियों की बेरहमी से हत्या की थी। हलफनामा में यूपी सरकार ने कहा कि ‘इसे किसी भी तरह फेक एनकाउंटर नहीं कहा जा सकता।’ इसे लेकर किसी तरह का संशय न रहे, इसके लिए सरकार ने सभी तरह का कदम उठाया है। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को इस मामले में कोई आदेश दे सकता है।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का किया गया पूरी तरह पालन
यूपी पुलिस ने कहा है कि एनकाउंटर के मामले में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पूरी तरह पालन किया गया है। एनकाउंटर के बाद सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक़ यूपी सरकार ने न्यायिक आयोग गठित किया है, जो कि एनकाउंटर की जांच कर रहा है। यूपी पुलिस ने दूबे के ख़िलाफ़ दर्ज सभी आपराधिक मामलों की सूची कोर्ट को दी है। एनकाउंटर के समय घटनास्थल पर पलटी पुलिस की गाड़ी की फ़ोटो, विकास दुबे के शव की फ़ोटो, विकास दुबे ने जिन आठ पुलिस वालों की हत्या की, उनके शवों की फ़ोटो कोर्ट में जमा की है।
हलफनामे में बोली यूपी सरकार
अपने हलफनामे में सरकार ने कहा कि बारिश और तेज गति के कारण वाहन पलट गया था। वाहन में सवार पुलिस कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। विकास दुबे ने घायल कर्मियों में से एक से पिस्तौल छीन ली। उसे आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया, लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया और पुलिस पर फायरिंग की।
जांच याचिका पर सरकार से जवाब तलब
गौरतलब है कि गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एनकाउंटर मामले में जांच के लिए हम समिति गठित करने पर विचार कर रहे हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने एनकांउटर की सीबीआई या एसआईटी जांच कराने की याचिका पर सरकार से जवाब तलब किया था। कोर्ट ने यूपी सरकार से गुरुवार तक जवाब मांगा था।
विकास दुबे ने नहीं किया था आत्मसमर्पण
यूपी सरकार ने हलफनामे में कहा कि विकास दुबे ने आत्मसमर्पण नहीं किया, उसे उज्जैन पुलिस ने पकड़ा था। ग्वालियर में मौजूद STF की टीम ने उज्जैन जाकर उसे अपने कब्जे में लिया था। बाद में गुना में दूसरी टीम ने उसे अपने साथ लिया, इसलिए गाड़ी बदल गई। आठ पुलिस वालों को मार दिया, सर्कल ऑफिसर को मारने के बाद उनका पैर भी काटा गया था। विकास के कुछ सहयोगी गिरफ्तारी की कोशिश के दौरान मुठभेड़ में मारे गए हैं।
रिटायर्ड जज की निगरानी में कोर्ट ने दिए थे जांच का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हैदराबाद मामले में जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में कोर्ट ने जांच का आदेश दिया था, उसी तर्ज पर हम इस मामले में भी सोच रहे हैं। इस साल की शुरुआत में हैदराबाद एनकाउंटर मामले में अपने आदेश का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कुछ कर सकते हैं, जैसे हमने वहां किया।
अनूप अवस्थी और घनश्याम उपाध्याय ने दायर की जनहित याचिका
इस मामले में मुंबई के वकील अनूप अवस्थी और वकील घनश्याम उपाध्याय ने जनहित याचिका दायर की है। याचिका में यूपी पुलिस की भूमिका की जांच की मांग की गई है। हालांकि, याचिका मुठभेड़ से पहले देर रात दायर की गई थी, जिसमें विकास दुबे का भी एनकाउंटर किए जाने की आशंका जाहिर की गई थी। मामले की सुनवाई सोमवार को होगी।
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