यूपी उपचुनाव कल, क्या लौटेगा BSP का जनाधार ?…

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By Election 2024: उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर उपचुनाव के साथ झारखण्ड और महाराष्ट्र में भी चुनाव हैं. उससे पहले BSP का सियासी आधार चुनाव दर चुनाव कम होता जा रहा है. शोषित और वंचित समाज पर एकछत्र राज करने वाली BSP का अस्तित्व खतरे में दिखाई दे रहा है. लोकसभा चुनाव में खाता नहीं खुलने बाद हरियाणा और जम्मू- कश्मीर में भी बसपा का खाता नहीं खुला है. वहीं, बसपा ने यूपी उपचुनाव के साथ महाराष्ट्र में झारखण्ड में भी अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया था, लेकिन बसपा का यह सिर्फ दावा ही रहा … क्योंकि बसपा ने महाराष्ट्र और झारखण्ड में एक रैली और यूपी उपचुनाव में एक भी रैली नहीं की है.

महाराष्ट्र में लड़ रही 81 सीटों पर चुनाव…

गौरतलब है कि कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में खाता न खुलने के बावजूद मायावती ने महाराष्ट्र में 237 सीटों पर उम्मीदवार उतार रखे है वहीं, पार्टी ने झारखण्ड की सभी 81 सीटों में उम्मीदवार उतारे हैं तो यूपी उपचुनाव की सभी 9 विधानसभा सीट पर किस्मत आजमा रही है. इसके बावजूद बसपा प्रमुख मायावती कहीं भी मशक्कत करती हुई नजर नहीं आईं और न ही उनके सिपहसालार.

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हमेशा उपचुनाव से बनाईं दूरी…

आपको बता दें कि बसपा ने हमेशा विपक्ष में रहते हुए उपचुनाव से दूरी बनाई है लेकिन मौजूदा समय में पार्टी के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए वह मैदान में उतरी है.मायावती ने कहा था कि बसपा उपचुनाव में यह प्रयास करेगी कि उसके लोग इधर-उधर न भटकें. इसके ही चलते बसपा ने सभी 9 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.

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2010 के बाद नहीं जीती कोई भी उपचुनाव…

उत्तर प्रदेश उपचुनाव में बसपा ने आखिरी बार 2010 में जीत हासिल की थी उसस्के बाद बसपा ने कभी कोई उपचुनाव नहीं जीता है. 2010 में मायावती के मुख्यमंत्री रहते हुए पार्टी ने सिद्धार्थनगर की डुमरियागंज सीट पर हुए उपचुनाव में बसपा प्रत्याशी खातून तौफीक विधायक चुनी गई थीं. इस बार का उपचुनाव 2027 का सेमीफाइनल का माना जा रहा है.

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