उन्नाव रेप केस: अस्पताल में लगी अदालत, पीड़िता ने दो को पहचाना
उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित केस उन्नाव रेप केस की सुनवाई दिल्ली में चल रही है. इसी क्रम में न्यायपालिका के इतिहास में ‘ऐतिहासिक क्षण’ के रूप में दिल्ली की एक अदालत ने एम्स अस्पताल में एक असाधारण अस्थाई अदालत लगाकर पीड़िता का बयान दर्ज किया.
वकील ने बताया
बता दें कि पीड़िता के वकील ने जानकारी देते हुए बताया कि महिला ने जयप्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के सेमिनार हॉल के ‘बंद कमरे’ में जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा के सामने गवाही दी, जहां उसने मामले के दो आरोपियों की पहचान की. इस साल 28 जुलाई को हुई सड़क दुर्घटना के बाद से वह अस्पताल में भर्ती है.
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वकील ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि पीड़िता ने आधी गवाही व्हीलचेयर पर बैठ कर दी और आधी गवाही स्ट्रेचर पर. यह कार्यवाही सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक बिना किसी गड़बड़ी के चलती रही. जहां चिकित्सीय जरूरतों के हिसाब से बीच-बीच में विराम भी दिया गया. दिल्ली उच्च न्यायालय की अनुमति से अस्पताल में अस्थायी अदालत स्थापित की गई.
बीच में लगा था पर्दा
आपको बताते चलें कि मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश 10 बजे अस्पताल पहुंच गए थे. उसके बाद अस्पताल के कर्मियों को भी उस रास्ते से आने की अनुमति नहीं थी. आरोपी के वकील सुनील प्रताप सिंह ने कहा कि, महिला को व्हीलचेयर पर अदालत में लाया गया और पहले उसका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने उसकी जांच की और फिर कार्यवाही शुरू की गई. अदालत के निर्देशों के मुताबिक बलात्कार पीड़िता और आरोपियों के बीच एक पर्दा लगा हुआ था.
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